प्राग । चेक गणराज्य ने शनिवार को घोषणा की कि वह गोला-बारूद के एक डिपो में 2014 में हुए विस्फोट के जुड़े मामले में उन 18 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर रहा है, जिनकी पहचान जासूस के तौर पर की गई है। चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस ने कहा कि चेक गणराज्य की खुफिया एवं सुरक्षा सेवाओं ने सबूत मुहैया कराए हैं, जो एक पूर्वी कस्बे में हुए उस बड़े विस्फोट में रूसी सेना के एजेंटों की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं, जिसमें दो निर्दोष पिता मारे गए थे।
बाबिस ने कहा कि चेक गणराज्य एक सम्प्रभु देश है और उसे इस प्रकार के अप्रत्याशित नतीजों का उचित जवाब देना ही चाहिए। देश के गृह एवं विदेश मंत्री जान हामासेक ने कहा कि रूसी दूतावास के 18 कर्मियों की पहचान रूसी जासूसों के तौर पर स्पष्ट रूप से हुई हैं और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। वर्बेटिका में 16 अक्टूबर, 2014 को एक डिपो में हुए विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी। डिपो में 50 टन गोला-बारूद रखा था।