वॉशिंगटन । अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का हाथ था। उन्हीं के कहने पर जमाल खशोगी का कत्ल किया गया था। इस खबर के बाद अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तें खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। इस इंटेलिजेंस रिपोर्ट पर एक अखबार की खबर है कि ऑफिस ऑफ द डॉयरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस जमाल खशोगी की हत्या के मामले पर ये रिपोर्ट तैयार की है जिसे अगले हफ्ते सार्वजनिक किया जा सकता है। दरअसल खशोगी सऊदी अरब सरकार की आलोचना में कॉलम लिखा करते थे। जब वो इस्तांबुल में सऊदी दूतावास में एक टर्किश नागरिक से शादी करने के लिए कुछ जरूरी कागजात लेने पहुंचे थे तो उन्हें कोई नशीला पदार्थ दे दिया गया था। फिर उसके बाद उनका कत्ल कर दिया गया।
अमेरिकी प्रशासन ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से नहीं बल्कि उनके पिता सऊदी अरब के शासक किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज से इस मसले पर बात करेंगे। वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री आस्टिन क्राउन प्रिंस सलमान से इस बारे में बात कर सकते हैं। क्राउन प्रिंस सलमान को ही सऊदी अरब का शासक माना जाता है। 2 अक्टूबर 2018, जगह थी इंस्ताबुल दोपहर को एक बजे दूतावास में दाखिल हुआ उन्हें कागजात बनवाने के नाम पर एंबेसी बुलाया गया था। वो बिल्डिंग में अंदर गए लेकिन बाहर नहीं आ पाए। पता चला कि एंबेसी के अन्दर उस शख्स की हत्या कर दी गई। मारे गए शख्स का नाम था जमाल खशोगी।
सऊदी अरब के फाउंडर थे इंबन सऊद उनके 45 बेटे हुए उनमें से 9 बचपन में गुजर गए। बचे 36 बेटों में से 25वें नंबर के पुत्र सलमान अब्दुल अजीज अल सउद उन्हें जनवरी 2015 में सऊदी की सत्ता मिली। ताजपोशी के वक्त किंग सलमान की उम्र 79 साल थी। सऊदी में एक परंपरा जो इंबन सऊद ने बनाई थी कि राजा के गद्दी त्यागने के बाद बेटों से पहले किंग के भाई को गद्दी मिलेगी। लेकिन इंबन सऊद की वर्षों से बनाई ये परंपरा 2015 में टूटी और किंग सलमान ने अपने गद्दी के अगले वारिश के लिए किसी भाई को नहीं बल्कि अपने भतीजे प्रिंस नायफ को ये पद दिया। इसके साथ ही किंग सलमान के तीसरे बेटे 26 वर्ष के मोहम्मद बिन सलमान को दूसरा क्राउन प्रिंस और देश का रक्षा मंत्री बनाया गया। जून 2017 में क्राउन प्रिंस नायफ को कैदी बना लिया गया और विकल्प दिया गया कि या तो क्राउन प्रिंस के पद से इस्तीफा दो या फिर कमरे से बच कर जाना नामुकिन था। प्रिंस नायफ ने पहले विकल्प को ही चुनना बेहतर समझा और 21 जून 2017 की सुबह प्रिंस नायफ ने कहा मैं अब आराम करना चाहता हूं अल्लाह तुम्हारी मदद करे।