लंदन । ब्रिटेन में एक क्रूड ऑयल शिप के सोशल मीडिया में उड़ने वाली तस्वीर से लोग हैरान है। इस शिप की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में लगभग 3 लाख टन वजनी यह शिप हवा में उड़ती हुई दिखाई दे रही है। इस तस्वीर को लेकर लोग तरह-तरह के चर्चे भी कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इस तस्वीर के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। फिर ऐसा क्यों है कि यह शिप पानी के बजाए हवा में उड़ती दिखाई दे रही है। दरअसल, यह एक दुर्लभ ऑप्टिकल इल्यूशन (भ्रम) के कारण हुआ है। इस तस्वीर को ब्रिटेन के डेविड मॉरिस ने कॉर्नवाल के फालमाउथ पास कैमरे में कैद किया था। मौसम विज्ञानी डेविड ब्रायन ने कहा कि यह सुपीरियर मिराज दुर्लभ वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण बनता है। जिसमें लाइट मुड़ जाती है और वास्तविकता के एकदम विपरीत तस्वीर आती है।
उन्होंने कहा कि आर्कटिक के इलाके में ऐसा भ्रम होना आम बात है, लेकिन सर्दियों के दौरान ब्रिटेन में ऐसा बहुत कम ही दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि इस तरह के वातावरण मौसम की स्थिति के कारण बनता है। जब ठंडी हवा समुद्र की सतह के करीब होती है और गर्म हवा उसके ऊपर बहती है। चूंकि ठंडी हवा गर्म हवा की तुलना में घनी होती है, इसलिए यह जमीन या तट पर खड़े किसी व्यक्ति की आंखों की ओर आने वाले प्रकाश को मोड़ती है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकाश से यह तय होता है कि कोई दूर की वस्तु कैसे दिखाई देती है। इस शिप वाले मामले में भी ऐसा ही हुआ है। वह शिप पानी के ऊपर ही तैर रही है। जबकि तस्वीर में हमें वह हवा में उड़ती दिखाई दे रही है। सुपर मिराज के कारण कई ऐसी तस्वीरें बन सकती हैं, जिसपर आम लोग बिलकुल ही विश्वास नहीं कर पाएंगे। ऐसी स्थितियों के कारण कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है।
28 नवंबर, 1979 को 7.21 बजे, एयर न्यूजीलैंड की उड़ान 901 अंटार्कटिका के दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर ऑकलैंड हवाई अड्डे से रवाना हुई थी। उड़ान के कुछ घंटे बाद ही विमान के पायलटों ने अच्छे मौसम और साफ दृश्यता का रिपोर्ट दिया था। लेकिन जैसे ही विमान माउंट एरेबस के पास पहुंचा, पायलटों को एक अजीब और भयानक ऑप्टिकल भ्रम ने घेर लिया। इस दौरान उन्हें चारों तरफ केवल सफेद ही सफेद नजर आने लगा। इसे व्हाइटआउट के रूप में जाना जाता है। भूवैज्ञानिक डॉ. एलन लेस्टर ने बताया कि व्हाइटआउट के दौरान आपको केवल सफेद रंग ही दिखाई देता है। यह बस एक ऐसी स्थिति होती है जहां हर जगह सफेद ही दिखाई देता है। नीचे सफेद ग्लेशियर और ऊपर सफेद बादल के कारण यह घटना होती है। इस दौरान ऊपर या नीचे क्या है यह पता नहीं चल पाता। इस दुर्घटना में 237 यात्रियों के साथ प्लेन के 20 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी।