एक लीटर में दस लीटर पानी मिलाकर बेच रहे
भोपाल । जानलेवा कोरोना वायरस की आढ में लोग जालसाजी करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। अब यह नई जालसाजी सैनिटाइजर में पानी मिलाकर की जा रही है। ये जालसाज एक लीटर सैनिटाइजर में 10 लीटर तक पानी मिलाकर लोगों को बेच रहे हैं। इस भयावह माहमारी में राजधानी में पानी मिला सैनिटाइजर बेचने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। जालसाज 400 से 500 रुपये में 5 लीटर सैनिटाइजर दे रहे हैं, जबकि मेडिकल स्टोर्स पर असली सैनिटाइजर की कीमत 1500 से 1800 रुपये पांच लीटर तक है। हनुमानगंज पुलिस के हत्थे एक युवक के चढ़ने के बाद नकली सैनिटाइजर बेचने के धंधे का खुलासा हुआ है। पुलिस आरोपित युवक के फरार साथी को अभी तलाश रही है। डॉक्टरों का मानना है कि नकली सैनिटाइजर से संक्रमण खत्म नहीं हो सकता। यह सेहत से खिलवाड़ से कम नहीं है। इधर, मास्क भी सड़क किनारे व बाजारों में बेचे जा रहे हैं। एन-95 लिखा मास्क महज 30 रुपये में मिल जाता है। न्यू मार्केट, एमपी नगर, लखेरापुरा, चौक व अन्य स्थानों पर सड़क किनारे दुकानें लग रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मास्क व सैनिटाइजर की क्वॉलिटी बेहतर होना चाहिए तभी संक्रमण को रोका जा सकता है। दरअसल, कोरोना महामारी के चलते सरकार ने मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में मास्क कल्चर विकसित हो गया है। वहीं सैनिटाइजर का उपयोग भी किया जा रहा है। इससे मास्क व सैनिटाइजर की मांग तेजी से बढ़ी है। राजधानी में कई दवा कंपनियां सैनिटाइजर व मास्क बना रही हैं। इन कंपनियों की आड़ में कई लोग पानी मिला सैनिटाइजर भी बेच रहे हैं। हनुमानगंज पुलिस ने 28 मई को शहर में नकली एवं बॉटल में नामी कंपनी के उत्पाद के स्टीकर लगाकर सस्ते दाम में सैनिटाइजर बेचने के मामले का भंडाफोड़ किया था। आरोपित ऋषभ से पुलिस ने नकली सैनिटाइजर भी जब्त किया था। जिसे वह पानी मिलाकर 5 लीटर की केन 400 से 500 रुपये में बेच रहा था। पुलिस ने आरोपित के विरुद्घ धारा 420, 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज किया था। थाना प्रभारी महेंद्रसिंह ठाकुर ने बताया कि युवक का साथी फरार है। उसे पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। दवा कारोबारियों की मानें तो सैनिटाइजर में 70 प्रतिशत अल्कोहल रहना चाहिए। यह कोरोना से लड़ने के लिए बेहतर है। इसलिए मेडिकल स्टोर्स से सैनिटाइजर खरीदेंगे तो बेहतर रहेगा, क्योंकि मेडिकल स्टोर संचालक के पास लायसेंस व जिम्मेदारी होती है। पानी मिला सैनिटाइजर चोरी-छुपे बेचा जाता है। इस कारण सैनिटाइजर बनाने वालीं कंपनियां भी नजर रख रही हैं। हनुमानगंज पुलिस के हत्थे जो युवक च़ढ़ा था, उसकी जानकारी कंपनी मालिक ने ही पुलिस को दी थी। सैनिटाइजर के साथ मास्क भी बेहतर क्वॉलिटी का होगा तो संक्रमण को रोका जा सकता है। वरिष्ठ डॉक्टर अजय थेटे ने बताया कि एन-95, सर्जिकल व एफएफपी-1 मास्क-90 प्रतिशत तक वायरस से सुरक्षा करते हैं। अन्य मास्क में वायरस से उतना बचाव नहीं हो पाता है। इसलिए बेहतर क्वॉलिटी वाले मास्क ही लोग पहनें। डुप्लीकेट मास्क उतने असर कारक नहीं होते हैं। घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं। इस बारे में एसडीएम सतीशकुमार एस का कहना है कि नकली सैनिटाइजर के संबंध में शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।