वाशिंगटन । मैसेंजर-आरएनए की तकनीक पर बनी कोरोना वैक्सीन प्रारंभिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित पाई गई है। एक अध्ययन रिपोर्ट में दावा किया कि प्रारंभिक निष्कर्ष में कोरोना रोधी टीके को गर्भवती महिलाओं और सामान्य महिलाओं, दोनों के लिए समान रूप से सुरक्षित पाया गया। कोरोना टीके लगवाने वाली गर्भवती महिलाओं और सामान्य महिलाओं की प्रतिक्रिया में कोई खास अंतर नहीं दिखा। गर्भवती महिलाओं ने किसी तरह की गंभीर समस्या की शिकायत नहीं की। अमेरिका में कई गर्भवती महिलाओं के टीका लगवाने के मद्देनजर यह अध्ययन किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक कुल 35,691 गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन किया गया जिन्हें एम-आरएनए आधारित टीका लगाया गया। ज्यादातर महिलाएं 25 से 34 साल की थीं और उन्हें फाइजर-एनबायोटेक या फिर मॉडर्ना का टीका लगाया गया था। टीका लगवाने वाली 3958 गर्भवती महिलाओं में से केवल 827 ने गर्भावस्था की मियाद पूरी की। लेकिन इन 827 महिलाओं में से 115 (13.9 फीसदी) का गर्भपात हो गया और मां नहीं बन सकीं, जबकि 712 (86 फीसदी) ने जीवित बच्चे को जन्म दिया।
मां बनने वाली महिलाओं में से ज्यादातर ने तीसरी तीमाही में टीका लगवाया था। किसी मां के बच्चे की जन्म लेने के बाद मौत नहीं हुई और सभी बच्चे स्वस्थ पाए गए। प्रारंभिक निष्कर्ष गर्भवती महिलाओं में टीके के पूरी तरह सुरक्षित होने की गारंटी नहीं देते। रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले और अधिक गर्भवती महिलाओं पर टीके के प्रभाव का अध्ययन करने समेत व्यापक शोध की जरूरत है।