राजनांदगांव । अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और राष्ट्रीय टे्रड यूनियन मजदूर आंदोलन के संयुक्त आव्हान पर किसान मजदरों के समस्याओं को लेकर कलेक्टर के सामने प्रदर्शन किया गया । जिला किसान संघ के संयोजक सुदेश टीकम ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना के आड़ में तीन जून २०२० को तीन अध्यादेश पारित किया। ना ही संसद सत्र चल रहा था मनमानी तरीके से किसानों के लिए दुर्भाग्य पूर्ण बतलाया । केन्द्र सरकार द्वारा कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश मुल्य आश्वासन पर (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता कृषि सेवा अध्यादेश २०२० आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) २०२० पारित कर किसानों को घाटे की खेती और कारर्पोरेट घरानों के हवाले करने की साजिश बतलाया । टीकम ने कहा केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीति के तहत वन नेशन वन बाजार नही , वन नेशन वन एम.एस.पी. लाने अध्यादेश पारित करें। सरकार निजीकरण कर सार्वजनिक कंपनियों को बेचकर, जनता के पैसे का बंदरबाट कर गरीब किसान-मजदूरों को अपने हाल में छोड़ दिया। डीजल पेट्रेाल में सरकार द्वारा ५४/- रूपयें टैक्स लिया जा रहा है, महंगाई आसमान बढ़ रहा है । शिक्षा का व्यवसायीकरण कर आम जनता के मजदूर किसान के बच्चों को अशिक्षा व बेरोजगारी में धकेल कर पूंजीपति को मदद कर रहे है । केन्द्र सरकार एक तरफ उद्योगपतियों का लाखों करोड़ टैक्स माफ कर दिया, किसानों को बदहाली के ढकेलने की साजिश का पूरजोर विरोध किया । टीकम जी ने राज्य सरकार को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि धान की फसल अल्पवर्षा के कारण नुकसान की सर्वेकराकर राजनांदगांव जिला को सूखा घोषित करें किसानों को धान खरीदी की बचे तीन किश्तों का एक मुश्त भुगतान करें । बिजली कटौती, पानी की समस्या हेतु सिंचाई को प्राथमिकता देने की नीति के रूप में घोषित करें । केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीति का आने वाले समय में पुरजोर विरोध करने का आव्हान किया । इस कार्यक्रम में रमाकांत बंजारे, हरिश्चंद साहू, मोती सिन्हा, नरेश पटेल, मनबोधी, जगमोहन जंघेल, साधूराम धुर्वे, केसलाल मंडावी, उमेश वर्मा, महेश साहू, गैन्दलाल साहू, मंगल देवांगन, लखन साहू, सेवक वर्मा, देवलाल साहू, प्रमुख मुखिया साथी उपस्थित रहे ।