बीजिंग । दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेने वाली कोरोना महामारी के लिए चीन को दोषी माना जा रहा है। अमेरिका शुरुआत से ही वुहान में फैले कोरोना और उसके प्रबंधन को लेकर चीन पर सवाल उठा रहा है। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार चीनी शहर वुहान में लगभग 5 फीसदी लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। वुहान की आबादी लगभग 1 करोड़ 10 लाख है। अध्ययन के अनुसार वुहान में लगभग 5 लाख लोगों को कोरोना संक्रमण हो सकता है, जोकि वुहान में दर्ज 50,354 आधिकारिक मामलों की तुलना में 10 गुना अधिक है।
उल्लेखनीय है कि चीन में कोरोना के एसिम्पटोमैटिक मामलों की सरकारी तौर पर गिनती नहीं की जाती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वहां सरकारी आंकड़े विश्व के सामने झूठ पेश कर रहे हैं। वुहान में कोरोना के मामलों से जुड़ा यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल की वुहान यात्रा से पहले सामने आया है। चीन के साथ महीनों चली बातचीत के बाद अगले महीने वैज्ञानिकों का दल बीजिंग जाने वाला है।
चीन कोरोना पर हो रही स्वतंत्र जांच के लिए सहमति देने के प्रति अनिच्छुक है। चीन पर कोरोना के आंकड़ों को लेकर शुरूआत से ही संदेह जताया जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि उनकी बताई संख्या पर भरोसा नहीं किया जा सकता। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने वीचैट के जरिए जारी किए गए एक बयान में कहा कि इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने वुहान में 34,000 लोगों के नमूने लिए और साथ ही व्यापक स्तर पर हुबेई प्रांत, बीजिंग, शंघाई और चार अन्य प्रांतों से नमूने लिए गए। शोधकर्ताओं ने वुहान में एंटीबॉडी प्रसार दर 4.43 फीसदी और हुबेई प्रांत में 0.44 फीसदी पाई है। बयान में यह भी कहा गया कि हुबई के बाहर 12,000 लोगों पर किए गए टेस्ट में सिर्फ दो लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। यह अध्ययन चीन में कोरोना महामारी की पहली लहर आने के एक महीने बाद किया गया था।