बीजिंग । चीन की विस्तारवादी और महात्वाकांक्षा उसकी अनैतिक मंशा को उजागर करने के लिए काफी है। उसकी करतूतों से अमेरिका एक बार फिर भड़का उठा है। चीन ने गुरुवार को साउथ चाइना सी में पार्सल आईलैंड के पास 2 बैलिस्टिक मिसाइले दाग कर अपनी हेंकड़ी दिखाई है। मिलिट्री एक्सारसाइज के दौरान इन मिसाइलों को अलग अलग जगहों से लॉन्च किया गया। इनमें डीएफ-26 बी और डीएफ-21 डी मिसाइलें शामिल थीं। डीएफ-26 बी मिसाइल की रेंज 4 हजार किमी. और डीएफ-21 मिसाइल की रेंज 1500 किमी. तक है। चीन की ये मिसाइलें चलते पोतों और फाइटर जेट्स को निशाना बना सकती हैं। अमेरिका ने चीन की ओर से किए गए मिसाइल टेस्ट्स पर आपत्ति जताई है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने गुरुवार को दावा किया कि चीन ने साउथ चाइना सी में कम से कम चार मिसाइलों का परीक्षण किया है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इससे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा होगा। पेंटागन ने कहा है- साउथ चाइना सी में मिसाइलों का परीक्षण चीन की ओर से किए 2002 में किए गए समझौते के खिलाफ है। समझौते के तहत चीन ने कहा था कि यह ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो। पिछले एक दशक में चीन ने यहां के कई आईलैंड्स पर अपने सैन्य ठिकाने बना लिए हैं। यह इस क्षेत्र के कई इलाकों पर अपना दावा कर रहा है। चीन वियतनाम, फिलीपिंस, मलेशिया, ताइवान और इंडोनेशिया जैसे देशों के समुद्री इलाकों को भी अपना बता रहा है।
चीन की डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता वु क्विन ने आरोप लगाया था कि अमेरिका जेट्स हमारे नो फ्लाय जोन में घुसे थे। अमेरिकी नेवी के दो यू-2 एयरक्राफ्ट्स ने उत्तरी इलाके में हमारी सेना के अभ्यास की कई घंटे तक जासूसी की। इससे हमारी ट्रेनिंग पर असर हुआ। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच समझौते का उल्लंघन किया है। अमेरिका की यह हरकत बेहद खतरनाक है। अगर वो चीन के इलाके में घुसेगा तो इससे सैन्य झड़प हो सकती थी। वहीं, अमेरिका ने चीन के आरोप का खंडन तो नहीं किया, लेकिन कहा- हमने किसी नियम को नहीं तोड़ा।