जिनेवा । चीन ने कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए आ रही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की जांच टीम को देश में घुसने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। चीन के जांच टीम को अनुमति नहीं देने की खबर ऐसे समय आई है, जब पेइचिंग पर यह आरोप लगा है कि वह कोरोना वायरस को लेकर काफी कुछ छिपा रहा है। ऐसा माना जाता है कि वर्ष 2019 के अंतिम दिनों में कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैल गया।
चीन का दावा है कि कोरोना वायरस वुहान से नहीं फैला है। डब्ल्यूएचओ के चीफ ने कहा है कि चीन के अधिकारियों ने विशेषज्ञों के दल को आने की अनुमति नहीं दी है और वह इससे 'निराश' हैं। कोरोना वायरस प्रकोप फैलने के एक साल बाद डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम को चीन आना था ताकि इस महामारी के स्रोत के बारे में पता लगाया जा सके। इस यात्रा पर दुनियाभर की नजर थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति समेत कई देशों के नेताओं ने चीन पर कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन ने पहले 10 लोगों के विशेषज्ञों के जांच दल को अनुमति दी थी जो इस सप्ताह चीन आने वाले थे। संगठन ने कहा कि अभी ज्यादातर विशेषज्ञों ने अपनी यात्रा शुरू भी नहीं की थी कि उन्हें संकट का सामना करना पड़ गया। चीन अभी उन्हें यात्रा की अनुमति ही नहीं दे रहा है। डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के निदेशक माइकल रयान ने कहा कि वीजा नहीं मिलने की समस्या है। उन्होंने आशा जताई कि यह केव एक 'नौकरशाही से जुड़ी समस्या है जिसे बहुत जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
चीन को लेकर आलोचना के घेरे में आए डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस घेब्रेयेसस ने कहा आज हमें पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने अभी तक जांच टीम को चीन में प्रवेश के लिए जरूरी अनुमति नहीं दी है। चीन की बहुत दिनों बाद आलोचना करते हुए टेड्रोस ने कहा मैं इस खबर से बेहद निराश हूं कि दो सदस्यों ने पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर दी है और अन्य लोग अंतिम समय पर यात्रा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि वह चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। टेड्रोस ने कहा मुझे आश्वासन दिया गया है कि चीन जल्द से जल्द अनुमति देने के लिए अपने आंतरिक प्रक्रिया को तेज कर रहा है। हम चाहते हैं कि जांच टीम जल्द से जल्द अपने काम में लग जाए।