पेइचिंग। भारत के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव और हिंसा के बाद चीन ने शांति के लिए कदम उठाने का दावा करते हुए सेना हटाने पर सहमति जता दी है। हालांकि, चीन के इतिहास को देखते हुए इस बात पर विश्वास मुश्किल था और अब सैटलाइट तस्वीरों से इस आशंका को बल मिला है कि चीन की कथनी और करनी में कितना फर्क है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट ने सैटलाइट तस्वीरें जारी की हैं। इन सैटलाइट तस्वीरों में आशंका जताई गई है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी पैन्गॉन्ग सो झील इलाके में अभी भी डेरा जमा है। यही नहीं इसकी मौजूदी छोटे-छोटे समूहों में बढ़ती जा रही है। पैन्गॉन्ग सो के 19 किमी दक्षिण में ज्यादा सपॉर्ट पोजिशन दिख रही है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच बातचीत के बाद पेइचिंग ने कहा है कि दोनों देश सीमा पर स्थिति को बातचीत और परामर्श के जरिए शांत करने के लिए कदम उठाने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों के जनरल स्तर पर बातचीत के दौरान ड्रैगन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है। सूत्रों ने बताया कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बातचीत के दौरान भारत की ओर से साफ कह दिया गया है कि एलएसी में जैसी स्थिति 5 मई के पहले थी, वैसे ही होनी चाहिए। यानी कि भारत की ओर से साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि चीन अपनी सीमा पर वापस लौटे।