- हांगकांग में सुरक्षा कानून से समझौते की शर्तों का उल्लंघन होगा
हांगकांग। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को कहा कि ब्रिटेन हांगकांग के लगभग 30 लाख नागरिकों की मदद के लिए अपना दरवाजा खोलने के लिए तैयार है। इस बीच, शहर की नेता कैरी लैम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर होने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए बीजिंग पहुंच गई हैं। हांगकांग के एक समाचार पत्र में ऑनलाइन प्रकाशित एक कॉलम में जॉनसन ने कहा है कि सुरक्षा कानून हांगकांग में स्वतंत्रता को बाधित करेगा और 1997 में पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग को वापस लेने के लिए चीन का ब्रिटेन के साथ हुए समझौते में रखी गई शर्तों का उल्लंघन होगा।
गौरतलब है कि हांगकांग को सौंपने के लिए ब्रिटेन और चीन के बीच समझौता हुआ था। जिसके तहत यह शर्त रखी गई थी कि हांगकांग एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र होगा और उसकी स्वायत्तता पहले की तरह ही बरकरार रहेगी और भविष्य में उसके साथ कोई छेडछाड़ नहीं की जाएगी| लेकिन चीन पिछले कई वर्षों से हांगकांग के अंदरूनी मामलों में लगातार दखल देता रहा है और उसे पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास करता रहा है और लगातार लोगों के अधिकारों को कुचलने की कोशिश होती रही है।
जॉनसन ने ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ में लिखा है, ‘हांगकांग के बहुत सारे लोगों को अपने जीवन को लेकर डर लग रहा है, जो खतरे में है, जबकि चीन ने लोगों के जीवन की रक्षा और उनके अधिकार को बनाए रखने का संकल्प लिया था।’ उन्होंने कहा कि अगर चीन उनके डर को सही ठहराने के लिए आगे बढ़ता है, तो ब्रिटेन चुप नहीं बैठेगा। चीन ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करेगा। इस कदम की समर्थक हांगकांग की नेता कैरी लैम बुधवार सुबह प्रस्तावित कानून पर केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के लिए बीजिंग पहुंची।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन इस महीने के अंत या अगस्त के अंत तक कानून लागू कर सकता है। जॉनसन ने अपने कॉलम में कहा कि हांगकांग के लगभग 3,50,000 नागरिकों के पास ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट हैं, जो उन्हें औपनिवेशिक युग के समय से हासिल हैं| 25 लाख अन्य लोग आवेदन करने के पात्र हैं। चीन की घोषणा के बाद से शहर में कई लोग अपने बीएनओ पासपोर्ट के लिए आवेदन करने या उसे नवीनीकृत करने की प्रक्रिया में लग गए हैं, जिससे शहर में डीएचएल कूरियर कार्यालयों में लंबी लाइनें लग गई हैं।