लंदन । ब्रिटिश सरकार ने प्रताड़ना और हमलों से पत्रकारों की सुरक्षा के लिए देश का पहला नेशनल एक्शन प्लान प्रकाशित किया है। इस योजना में कामकाज के सिलसिले में पत्रकारों को मिलने वाली हिंसक धमकियों, उन्हें डराने-धमकाने के मामलों पर आगे जांच और पुलिस बलों तथा पत्रकारों का प्रशिक्षण शामिल है। सरकार ने यह कदम पत्रकारों की शिकायतों पर उठाया है। पत्रकारों ने शिकायत की थी कि उन्हें काम के दौरान, धमकाने, जानलेवा हिंसक हमले, बंधक बनाए जाने और बलात्कार जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्र प्रेस हमारे लोकतंत्र का हृदय है। पत्रकारों को बिना डरे अपना काम करने का वातावरण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, अपना काम ईमानदारी से करने वाले पत्रकारों पर हमलों और उन्हें प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी नहीं रहने दिया जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह कार्ययोजना जनता को सूचनाएं देने वालों और सरकार को जिम्मेदार बनाए रखने वालों को सुरक्षित रखने की दिशा में शुरुआत भर है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (एनयूजे) की ओर से सर्वेक्षण करने वालों ने नवंबर, 2020 में पाया कि उनके सवालों का जवाब देने वालों में से आधे लोग ऐसे हैं जिन्हें ऑनलाइन गाली-गलौज का सामना करना पड़ा है। करीब एक चौथाई लोग ऐसे हैं जो हमलों के शिकार हुए हैं।