वाशिंगटन। संयुक्त राज्य में चीनी राजदूत क्यूई तियानकाई ने कहा कि यह सीमा विवाद दोनों न्यूक्लियर ताकतों के बीच संबंधों पर हावी नहीं होना चाहिए। एस्पेन सिक्योरिटी फोरम में एक उपस्थिति में राजदूत कुई तियानकाई ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा चीन और भारत के रिश्तों पर हावी होना चाहिए, और मुझे नहीं लगता कि यह हमारे मित्रों का भी नजरिया होगा। भारत चीन सीमा विवाद पर पहले भी इस तरह के बयान आए हैं। भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने भी 15 जून को इसी तरह का एक बयान दिया था। बदलते वैश्विक हालात में भारत और चीन को एक दूसरे को सकारात्मक कारक के रूप में देखना चाहिए। दोनों देशों को एक दूसरे का साझेदार बनना चाहिए और विकास के सपनों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इस साल की मई माह में दोनों देशों के बीच सीमा पर अलग-अलग जगहों पर टकराव हो चुका है। नौ मई को नॉर्थ सिक्किम के नाथू ला सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी। उसी दौरान लद्दाख़ में एलएसी के पास चीनी सेना के हेलिकॉप्टर देखे गए थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे लड़ाकू विमानों से पेट्रोलिंग शुरू कर दी। मालूम हो कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मामला इस साल के जून महीने में बहुत ज्यादा बढ़ गया था। दोनों ही देशों की सेनाएं भारत के लद्दाख में आपस में टकरा गई थीं। गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारत के 20 सैनिक मारे गए थे। इस संघर्ष में चीन के भी सैनिक भी बड़ी संख्या में मारे गए थे।