इस्लामाबाद । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद के घर के पास हुए ब्लास्ट के बाद परेशान दिख रहे हैं। इसका कारण हैं, कि ब्लास्ट के दिन शाम को ही इमरान खान भागे-भागे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हेडक्वॉर्टर पहुंचे। हाई लेवल की बैठक में पीएम इमरान के अलावा आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद, आंतरिक मंत्री शेख रशीद अहमद, सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन, इंटेलिजेंस ब्यूरो और संघीय जांच एजेंसी के चीफ शामिल हुए। कई जानकारों का मानना है कि इमरान लाहौर में हाफिज सईद के घर के पास हुए विस्फोट से खफा हैं। उन्होंने इस इंटेलिजेंस की नाकामयाबी करार दिया है। इसकारण है कि एजेंसियों के चीफ की क्लास लेने के लिए वह धमाके की शाम को ही इस्लामाबाद स्थित आईएसआई के मुख्यालय पहुंच गए। इस बैठक में पाकिस्तान के आंतरिक और बाहरी खतरों को लेकर चर्चा की गई। इमरान ने सभी इंटेलिजेंस एजेंसियों से एक व्यापक ब्रीफिंग ली।
बैठक में राष्ट्रीय खुफिया समन्वय समिति में शामिल सभी एजेंसियों के बीच खुफिया सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि इमरान खान ने एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की और राष्ट्रीय खुफिया समन्वय समिति के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। पाकिस्तान ने इसी साल 22 जनवरी को राष्ट्रीय खुफिया समन्वय समिति की स्थापना की थी।
लाहौर पुलिस के मुताबिक हाफिज सईद के घर के पास हुए भीषण विस्फोट में करीब 30 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। यही नहीं इसमें 'विदेश में बने सामान' का भी इस्तेमाल किया गया था। विस्फोट की वजह से घटनास्थल पर तीन फुट गहरा और 8 फुट चौड़ा गड्ढा बन गया। इस धमाके से 100 वर्गफुट का इलाका तहस-नहस हो गया। इस विस्फोट में हाफिज सईद के घर के शीशे टूट गए और दीवारों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
शुरुआती जांच में पता चला है कि 30 किलो विस्फोटक को एक कार के अंदर रखा गया था और उसे हाफिज सईद के घर के बाहर खड़ा किया गया। इसके बाद रिमोट कंट्रोल से उस कार को उड़ा दिया गया। लाहौर पुलिस यह छिपाने में लगी रही कि हाफिज सईद के घर को निशाना बनाकर हमला किया गया।