बिलासपुर- किसानों के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर समिति प्रभारी द्वारा कोआपरेटिव बैंक प्रबंधक से मिली भगत कर केसीसी लोन लेकर रूपये आहरण करने का आरोप लगाते हुए आक्रोशित किसानों ने इसकी शिकायत कलेक्टर, एसपी, पंजीयक सहित संबंधित अधिकारियों से की है और शीघ्र ही मामले की जांच कर दोषियों के खिला फ कार्रवाई की मांग की है।
राज्य सरकार द्वारा जहां लगातार संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें केंद्र व राज्य की सभी योजनाओं का जानकारी देकर उन्हें लाभान्वित कराए जाने का निर्देश दिया गया जा रहा है, मगर समिति प्रभारियों द्वारा ग्रामीण किसानों द्वारा दिए गए दस्तावेजों का गलत ढंग से उपयोग किया जा रहा है। यहां एक बार पिᆬर संस्था प्रबंधक द्वारा कोआपरेटिव बैंक प्रबंधक से मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों माध्यम से रूपये लोन लेने की शिकायत मिली है। जानकारी के अनुसार डभरा ब्लाक अंतर्गत सेवा सहकारी समिति धुरकोट पंजी. क्रमांक 2422 के प्रभारी प्रबंधक गिरीवर प्रसाद निराला पर को आपरेटिव बैंक शाखा डभरा प्रबंधक से मिली भगत कर बिना किसानों की जानकारी के उनका फर्जी दस्तावेज तैयार कर केसीसी लोन निकालकर आहरण करने का आरोप लगाया है, जबकि किसानों से उक्त खाते से लोन लिया ही नहीं है। किसान जब समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए टोकन लेने पहुंचे तब वर्ष 2020-21 में किए गए वसूली दस्तावेजों में उनका कर्ज लिए जाने की जानकारी मिली हैं।
इस संबंध में किसानों का कहना है कि कोमो निवासी सौकी लाल पिता श्याम कुमार के खाते में 1.82 डिसमिल जमीन दर्ज है, जबकि उनके नाम से 1 लाख 83 हजार रूपये कर्ज दिखा रहा है। इसी तरह जगन्नाथ दास पिता भरखन दास के खाते में 3 लाख 36 हजार 126, हेंमत कुमार पिता बसंत कुमार के खाते में 2 लाख 37 हजार रूपये, केशव प्रसाद पिता बुद्घु राम के खाते में 2 लाख 50 हजार व लक्ष्मण पिता रामनाथ के खाते में 55 हजार रकम लोन दिखा रहा है, जबकि किसानों का कहना है कि सेवा सहकारी समिति धुरकोट से सन् 2019-20 में केसीसी लोन नहीं लिया गया है और न ही किसान किताब पर लोन संबंधी उल्लेख है। ऐसे में किसानों ने इसकी शिकायत कलेक्टर, एसपी, पंजीयक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सहित संबंधित अधिकारियों से करते हुए शीघ्र ही मामले की जांच कर दोषियों के खिला फ कार्रवाई की मांग की है।