थिंपू । भारत जब कोरोना के भीषण कहर से जूझ रहा है, उस समय तक पड़ोसी देश भूटान अपने 93 फीसदी लोगों का वैक्सीनेट कर चुका है। इस छोटे से पहाड़ी राज्य की इस सफलता पर दुनिया के सभी देश हैरान है। भूटान के कई इलाके तो ऐसे हैं जहां जाने के लिए सड़क भी उपलब्ध नहीं है। बर्फीली नदियों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरे इस देश ने भारत से मुफ्त में मिली वैक्सीन से सफलता की नई कहानी लिख दी है। भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की शीशियां पिछले महीने हेलीकॉप्टर से इस देश में पहुंची थी। जिसके बाद इस पहाड़ी देश ने वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू करने के लिए पूरे देश के स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया। इन लोगों ने एक गांव से दूसरे गांव तक कभी बर्फ तो कभी नदियों को लांघते हुए वैक्सीनेशन का काम जारी रखा। इसी का नतीजा है कि इस देश में कुल आबादी के 93 फीसदी वयस्कों को अभी तक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। दुनिया से कटे और अलग-थलग रहने वाले भूटान के ग्रामीण इलाकों के लोगों को वैक्सीन के लिए मनाने में भी स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी आई। लोकल वॉलंटियर्स और स्वास्थ्यकर्मियों ने इलाके के मुखिया को साथ लेकर लोगों को समझाया कि वैक्सीन लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और यह स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए काफी जरूरी है।
वैक्सीनेशन में दुनिया में छठवें स्थान पर भूटान
न्यूयॉर्क टाइम्स के एक डेटाबेस के अनुसार, शनिवार तक भूटान में प्रति 100 लोगों में से 63 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी थी। कोविड टीकाकरण की यह दर दुनिया में छठवें स्थान पर है। मतलब साफ है कि दुनिया में केवल 5 देश ही ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी आबादी को भूटान से ज्यादा वैक्सीनेट किया हुआ है। भूटान का यह दर भारत से सात गुना और वैश्विक औसत से छह गुना ज्यादा है।