ढाका । बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को वर्ष 2020 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा पर भारत का आभार जताकर बांग्लादेश ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सदैव गहरे रहे संबंधों का ‘‘उचित सम्मान है। भारत के संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2020 का गांधी शांति पुरस्कार बांग्लादेश के राष्ट्रपिता एवं प्रथम राष्ट्रपति रहमान को देने की घोषणा की थी।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को मरणोपरांत गांधी शांति पुरस्कार देने के भारत सरकार के निर्णय पर गहरा आभार व्यक्त करते हैं। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार बांग्लादेश और इसके लोगों के लिए सम्मान की बात है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर इस सम्मान का ‘‘काफी महत्व'' है। पुरस्कार भारत-बांग्लादेश के बीच हमेशा गहरे रहे संबंधों के लिए उस समय एक उचित सम्मान है जब दोनों देश बांग्लादेश की स्वतंत्रता और कूटनीतिक संबंधों की स्वर्ण जयंती तथा बंगबंधु का जन्मशती वर्ष मना रहे हैं।गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित जूरी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की और भारत के प्रधान न्यायाधीश एवं लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इसके दो पदेन सदस्य होते हैं। दो अन्य प्रतिष्ठित सदस्य-लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक भी जूरी का हिस्सा हैं।
जूरी की 19 मार्च, 2021 को हुई बैठक में उपयुक्त विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से इस पुरस्कार के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान और ओमान के लंबे समय तक शासक रहे सुल्तान काबूस को चुने जाने का निर्णय लिया गया। मोदी ने कहा कि बंगबंधु मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के हिमायती थे, और वह भारतीयों के लिए एक नायक भी थे। उन्होंने कहा कि बंगबंधु की प्रेरणा ने दोनों देशों की विरासत को अधिक व्यापक और गहन बनाया है, और बंगबंधु द्वारा दिखाए गए मार्ग ने पिछले एक दशक में दोनों देशों की साझेदारी, प्रगति और समृद्धि की मजबूत नींव रखी है।