कैनबरा । समाचारों के बदले गूगल और फेसबुक से भुगतान मामले में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मंगलवार को बताया कि मसौदा कानूनों में यह स्पष्ट करने के लिए संशोधन किया जाएगा। गूगल और फेसबुक समाचारों के लिए प्रकाशकों को समाचार के लिंक पर पर प्रति क्लिक के बजाय एकमुश्त राशि का भुगतान करेंगे। एक सरकारी बयान में इन विधायी बदलावों को ‘स्पष्टीकरण और तकनीकी संशोधन’ बताया गया है। इससे पहले, आस्ट्रेलियाई मंत्रियों ने पिछले सप्ताह के अंत में फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग और अल्फाबेट इंक एवं इसकी अनुषंगी कंपनी गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई के साथ चर्चा की थी। ऑस्ट्रेलिया की कंजरवेटिव सरकार संसद का मौजूदा सत्र 25 फरवरी को संपन्न होने से पहले ‘न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड’ (समाचार मीडिया सौदेबाजी संहिता) को लागू करने की उम्मीद कर रही है।
वित्त मंत्री जोश फ्राईडेंगबर्ग और संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘संशोधन बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा, जिसका उद्देश्य संहिता के संपूर्ण प्रभाव को कायम रखते हुए इसके क्रियान्वयन को बेहतर करना है।’ विपक्षी मध्य-वाम विचारधारा वाली लेबर पार्टी विधेयक का समर्थन करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गई, जिससे इसे सीनेट में पारित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। लेकिन सरकार को सीनेट में कुछ संशोधनों के सुझाव को स्वीकार करना पड़ सकता है। दरअसल, सत्तारूढ़ दल को सीनेट में बहुमत प्राप्त नहीं है। आस्ट्रेलिया में ऑनलाइन विज्ञापन में 81 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले गूगल और फेसबुक ने इस विधेयक की निंदा की है। गूगल ने धमकी दी है कि यदि यह विधेयक पेश किया गया तो आस्ट्रेलिया में उसका (गूगल का) सर्च इंजन अनुपलब्ध कर दिया जाएगा। फेसबुक ने भी धमकी दी है कि यदि उसे समाचार के लिए भुगतान करने को मजबूर किया गया तो आस्ट्रेलियाइयों को समाचार साझा करने से रोक दिया जाएगा।
इस कानून का लक्ष्य डिजिटल जगत की दिग्गज कंपनियों की सौदेबाजी करने के वर्चस्व को तोड़ना है और एक मध्यस्थता समिति बनना है, जिसके पास मूल्य पर कानूनी रूप से बाध्यकारी फैसला देने का अधिकार होगा समिति आमतौर पर डिजिटल मंच या प्रकाशक के सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव को स्वीकार करेगी और कभी-कभार ही उनके बीच मूल्य निर्धारित करेगी। इससे डिजिटल मंच और मीडिया कारोबार अवास्तविक मांग नहीं कर पाएंगे। मध्यस्थता में तय की गई रकम प्रकाशकों को अवश्य ही एकमुश्त भुगतान किये जाने के अलावा, नये संशोधन यह भी स्पष्ट करेंगे कि समिति डिजिटल मंचों और समाचार कारोबार की लागत पर भी विचार करेंगे।