हवाना । ब्रह्माड़ में छोटे-बड़े ग्रहों की गतिविधियों का असर धरती पर दिखता है। कुछ ऐसा ही माजारा मध्य अमेरिका के देश क्यूबा में शनिवार रात दिखा जब स्थानीय लोग सोनिक बूम जैसी तेज आवाज और रोशनी से भयभीत हो गए। रात भर खौफ के साए में रहने के बाद रविवार सुबह क्यूबा की नेशनल सीस्मोलॉजिकल सर्विस (एनएसएस) ने बताया कि यह एक ऐस्टरॉइड के धरती से टकराने के कारण हुआ था। एनएसएस ने बताया कि इस ऐस्टरॉइड ने काफी तेज गति से हमारे वायुमंडल में प्रवेश किया था, जिससे हवा के साथ पैदा हुए घर्षण के कारण वह तेज रोशनी बिखेरता हुआ धरती से टकरा गया। इससे पहले फरवरी 2019 में क्यूबा के पिनार डेल रियो शहर में एक ऐस्टरॉइड गिरा था।
क्यूबा के नेशनल सीस्मोलॉजिकल सर्विस ने बताया कि यह घटना शनिवार रात करीब 10.06 के आसपास हुई थी। उन्होंने यह भी बताया कि उस दिन छोटे-बड़े कई ऐस्टरॉइड ने धरती के वायुमंडल में प्रवेश किया था। स्थानीय निवासियों ने भी उस रात आसमान में कई चमकीली रोशनियों के देखने के अलावा विस्फोट की आवाज सुनने का दावा किया है। नेशनल सीस्मोलॉजिकल सर्विस के चीफ एनरिक अरांगो एरियस ने पुष्टि की कि एजेंसी का मानना है कि यह घटना अंतरिक्ष की चट्टान (ऐस्टरॉइड) के कारण हुई थी। उन्होंने बताया कि सेंसर की रीडिंग को देखते हुए यह जमीन से पैदा हुआ कोई विस्फोट नहीं था। चूकिं इससे बहुत तेज आवाज पैदा हुई थी इसलिए हमारी मशीनों ने शॉकवेव को रिकॉर्ड किया।
क्यूबा के मौसम विज्ञान संस्थान के एलियर पिला फारिनस ने एक ट्वीट कर दावा किया है कि क्यूबा के पूर्वी इलाके में जीओईएस-ईस्ट सैटेलाइट ने एक तेज रोशनी को रिकॉर्ड किया है। उस क्षेत्र में शांत मौसम के बावजूद बिजली के कड़कने जैसी तेज रोशनी उसी उल्कापिंड की मानी जा सकती है। स्थानीय निवासियों ने इस घटना की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। क्यूबा का आकार सिर्फ 110000 वर्ग किमी ही है, जो चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। ऐसे में इस द्वीप पर किसी उल्कापिंड के गिरने की घटना को बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। पिछले 80 से अधिक साल में इस द्वीप पर कम से कम 10 उल्कापिंड गिर चुके हैं। जून 1994 में मध्य क्यूबा के लजास में करीब 400 ग्राम वजनी एक उल्कापिंड गिरा था।