यंगून म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के निशाने पर चीन की सरकार है। प्रदर्शन बढ़ने से घबराए सैन्य शासन ने उन्हें कुचलने क लिए टैंक तैनात कर दिए हैं। बख्तरबंद गाड़ियों की सड़कों पर गश्ती ने हालात को और तनावपूर्ण कर दिया है। कुछ इलाकों में गोलीबारी की भी खबरें हैं। हालांकि इनकी पुष्टि नहीं हो सकी।
इस बीच, सेना ने देशभर में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे सशस्त्र बलों की कार्रवाई में बाधा डालते हैं, तो उन्हें 20 साल तक की जेल हो सकती है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य नेताओं के खिलाफ घृणा या अवमानना के लिए उकसाने वालों पर भी लंबी अवधि की सजा और जुर्माना भी लगाया जाएगा। म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष अधिकारी टॉम एंड्रूज ने कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि सेना ने देश के लोगों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है।
आधी रात में छापे मारे जा रहे हैं, लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। फिर से इंटरनेट भी बंद किया गया है। सेना के काफिले रिहाइशी इलाकों में घुस रहे हैं।’ देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की की रिहाई और लोकतांत्रिक सरकार को बहाल करने की मांग को लेकर लोग 9 दिन से म्यांमार की सड़कों पर हैं।