प्योंगयांग। उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन ने अमेरिका को आगाह करते हुए कहा कि अगर उसे अपने यहां शांति से राष्ट्रपति चुनाव संपन्न कराने हैं तो कोरियाई देशों के मामलों से दूर रहना चाहिए। तानशाह किम जोंग उन का ये स्पष्ट संदेश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए आया है। ट्रंप ने उत्तर कोरिया के दक्षिण कोरिया से सभी रिश्ते तोड़ लेने पर 'हद में रहने' की सलाह दी थी। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक किम जोंग के विदेश मंत्रालय में अमेरिकी मामलों के महानिदेशक ओन जोंग गन ने गुरुवार को स्पष्ट कहा कि अमेरिका को अपने आंतरिक मामले पर ध्यान देना चाहिए। इस संदेश में कहा गया कि अमेरिका हमेशा दूसरों के मामलों में टांग अड़ाता रहता है, इस मामले में उनका रवैया दोहरापन वाला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने जीभ पर लगाम लगाना चाहिए और अपने घरेलू मामलों पर ध्यान देना चाहिए। यह न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वहां होने वाले चुनाव के लिए भी अच्छा होगा।
उत्तर कोरिया की इस खुली धमकी के बाद ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर वो कैसे अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। सियोल में असान इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज के रिसर्च फेलो जेम्स किम के मुताबिक यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी चुनाव में किम जोंग कैसे बाधा डाल सकते हैं शायद ये हैकिंग से जुड़ी कोई धमकी हो। जानकारों के मुताबिक किम जोंग ने अमेरिका को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर ट्रंप नवंबर में होने वाला चुनाव कायदे से कराना चाहते हैं, तो अपना मुंह बंद रखें। साउथ कोरिया की सीमा पर किम जोंग के खिलाफ पोस्टर लगाने और पर्चे बांटने ने नॉर्थ कोरिया काफी नाराज़ है और उसने सभी संबंध ख़त्म करते हुए हॉटलाइन समेत सभी कम्युनिकेशन लाइनें तक बंद कर दी है।
ज्ञात हो कि ट्रंप लगातार किम जोंग को अपना अच्छा दोस्त बताते रहे हैं। किम जोंग के गायब हो जाने के बाद भी ट्रंप ने कहा था कि वे ठीक हैं और उन्हें पता है कि वे कहां रह रहे हैं। परमाणु निरस्त्रीकरण करने को लेकर ट्रंप और किम के बीच पिछले साल जून में सिंगापुर में पहली बैठक हुई थी। इसके बाद इस साल फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बैठक हुई थी जो विफल रही थी। इसके बाद जी-20 समिट से लौटते वक़्त भी ट्रंप ने कोरियाई सीमा के असैन्य क्षेत्र में किम से मीटिंग की थी। मिली जानकारी के मुताबिक, कम्युनिकेशन लाइन खत्म करने का फैसला उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन और उनकी बहन किम यो-जोंग की मौजूदगी में लिया गया है। उत्तर और दक्षिण कोरिया ने दो साल पहले कम्युनिकेशन लाइन बनाईं थीं। तब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और किम जोंग-उन के बीच तीन बैठके हुईं थीं।