अमेरिका के अफगानिस्तान को अचानक छोड़कर भाग जाने की हो रही आलोचना

Updated on 07-07-2021 06:35 PM

वॉशिंगटन । अमेरिका के अफगानिस्‍तान को अचानक छोड़कर भाग जाने की कड़ी रही आलोचना हो रही है। अफगानिस्‍तान में अपने किले बगराम एयरबेस पर करीब 20 साल तक राज करने के बाद अमेरिकी सैनिक रात के अंधेरे में उसे वीरान छोड़कर वापस चले गए। आलम यह रहा कि उन्‍होंने अफगान सुरक्षा बलों को इसके बारे में नहीं बताया जिसकी वजह से स्‍थानीय लोगों ने उसे लूट लिया। अब अमेरिका को खुद पर संदेह, शर्मिंदगी और आत्‍मग्‍लानि का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं उसे अब डर सता रहा है कि अफगानिस्‍तान एक बार फिर से गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है।

तालिबान के सामने अफगान सुरक्षा बलों के बिना लड़े ही घुटने टेक देने की तस्‍वीरें और बगराम एयरपोर्ट पर अव्‍यवस्‍था जैसे हालात को देखकर अमेरिकी सांसद सुरक्षा विश्‍लेषक तनाव में आ गए हैं। उन्‍हें अब अफगानिस्‍तान में गृहयुद्ध और आतंकवाद की वापसी के आसार दिखाई दे रहे हैं। यह सब केवल इसलिए हुआ कि बाइडेन प्रशासन ने अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी में जरूरत से ज्‍यादा तेजी दिखा दी। इस अंतरराष्‍ट्रीय शर्मिंदगी के बाद अब वाइट हाउस ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को सलाह दी है कि वह अमेरिकी सैनिकों की वापसी की गति को धीमा कर दे। पेंटागन ने अफगानिस्‍तान में अमेरिकी कमांडर जनरल ऑस्टिन मिलर और उनके सैकड़ों सैनिकों को वहां अभी बने रहने के लिए कहा है। अमेरिका की कोशिश है कि इसके जरिए अफगानिस्‍तान के लोग सदमे को कम किया जा सके।

उधर, दशकों से जंग का सामना कर रही अफगान जनता ने खुद को गृहयुद्ध की वापसी के लिए तैयार कर‍ लिया है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद माइकल मैककौल ने खुलासा किया कि अफगान राष्‍ट्रपति अशरफ घनी की टीम ने उन्‍हें चेतावनी दी है कि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को 'जिहाद के साल' के रूप में याद किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति बाइडन को अफगानिस्‍तान में लोगों की हत्‍या, महिलाओं के दमन और मानवीय संकट की जिम्‍मेदारी लेनी होगी। मैककौल ने कहा, 'पाकिस्‍तानी मदरसे में पढ़े युवा तालिबान के समर्थन में अफगानिस्‍तान पहुंच गए हैं और जल्‍द ही एक बड़ा गृहयुद्ध देखने जा रहे हैं।' उन्‍होंने इस सैनिकों की वापसी के लिए बाइडन को जिम्‍मेदार ठहराया लेकिन अफगानिस्‍तान से सैनिकों की वापसी का फैसला डोनाल्‍ड ट्रंप ने लिया था। वहीं 18 हजार अनुवादकों तथा अन्‍य अमेरिकी दोस्‍तों को उनके हाल पर अफगानिस्‍तान में छोड़ने के लिए भी वॉशिंगटन में कड़ी आलोचना झेल रहा है। 

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