चीन के खिलाफ जापान का साथ देने के लिए अमेरिका हर हाल में प्रतिबद्ध

Updated on 03-08-2020 05:10 PM
वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पियो द्वारा चीन की आक्रामक नीतियों का मुकाबला करने के लिए एक नया गठबंधन बनाने क बात कही है। वहीं जापान की सर्वोच्च रैंकिंग वाले अमेरिकी सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल केविन श्नाइडर ने सेनकाकू द्वीप समूह को लेकर कहा, अमेरिका हर हाल में जापान सरकार की साल में 365 दिन, सप्ताह में सातों दिन, दिन में 24 घंटे,  मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता पर 100 प्रतिशत अडिग है। उन्होंने आगे कहा कि आमतौर पर चीनी जहाज महीने में एक-दो बार सेनकाकू द्वीप समूह पर अंदर जाते हैं, लेकिन अब यहां चीनी जहाज पार्क होना वास्तव में जापान के प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थिति का आकलन करने के लिए जापान की निगरानी और टोही सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।
 इस बीच सैन्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि विस्तारवादी मानसिकता को संजोने वाला चीन अब पूर्वी चीन सागर में भी जापान के साथ द्वीपों को लेकर उलझ रहा है। जापान ने एक द्वीप श्रंखला के पूर्ण एकीकरण की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसपर चीन की लंबे समय से नजर रही है। ऐसे में अगर जापान से चीन ने बैर मोल लेने की कोशिश की तो उसे भारी पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान के ओकिनावा प्रान्त में इशिगाकी नगर परिषद ने विवादित द्वीप श्रृंखला को कवर करने वाले एक प्रशासनिक क्षेत्र का नाम बदलने के लिए एक विधेयक पारित किया जो टोक्यो के दक्षिण-पश्चिम में 1,931 किलोमीटर दूर सेनकाकू नामक निर्जन द्वीप समूह पर जापान के नियंत्रण को मजबूत करता है। चीन और जापान दोनों ही इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं। जिन्हें जापान में सेनकाकू और चीन में डियाओस के नाम से जाना जाता है। इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथों में है, लेकिन उनकी कानूनी स्थिति अब तक कुछ विवादित रही है। वहीं, चीन का दावा है कि ये द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जापान को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। विधेयक पारित किए जाने से पहले, बीजिंग ने द्वीप श्रंखला की यथास्थिति में किसी भी बदलाव के खिलाफ टोक्यो को चेतावनी दी थी। सेनकाकू या डियाओस द्वीपों की रखवाली वर्तमान समय में जापानी नौसेना करती है। अप्रैल के बाद से, चीनी जहाजों को जापानी तट रक्षक द्वारा सेनकाकू के करीब पानी में देखा गया है। चीनी जहाजों की संख्या पिछले कुछ हफ्तों में बढ़ी है। जापान और अमेरिका में 1951 में सेन फ्रांसिस्को संधि है जिसके तहत जापान की रक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका की है। इस संधि में यह भी बात लिखी है कि जापान पर हमला अमेरिका पर हमला माना जाएगा। 

Advt.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 14 November 2024
लाहौर । पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर कर पूरे मुल्क में न्यूनतम भत्ता बढ़ाने की मांग की है। एडवोकेट फहमीद नवाज अंसारी का दावा है…
 14 November 2024
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को लंदन में बेइज्जती का सामान करना पड़ा है। एक अज्ञात व्यक्ति ने लंदन ग्राउंड स्टेशन पर उनके साथ धक्का-मुक्की की और 'चाकू से…
 14 November 2024
बीजिंग: चीन ने अपने झुहाई एयर शो में एक एडवांस्ड फाइटर जेट का अनावरण किया, जिसे देख पूरी दुनिया हैरान है। चीन का दावा है कि यह विमान सुपरसोनिक स्पीड से…
 14 November 2024
वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनोल्ड ट्रंप को जीत हासिल हुई है। ट्रंप ने बुधवार को अपना ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ (DNI) चुना। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व सदस्य तुलसी…
 14 November 2024
तेहरान: सऊदी अरब और ईरान को दुनिया लंबे समय से प्रतिद्वन्द्वियों की तरह देखती रही हैं लेकिन हालिया समय में दोनों के बीच मेल-मिलाप देखने को मिला है। इस मेल-मिलाप को…
 14 November 2024
बीजिंग: ईरान की एयरफोर्स के हेड जनरल हामिद वाहेदी ने हाल ही में चीन का दौरा किया है। वाहेदी अपने चीन दौरे पर झुहाई एयर शो में भी शामिल हुए।…
 11 November 2024
इस्लामाबाद: भारत की मिसाइल क्षमता का लोहा दुनिया मानती है। भारत के पास स्वदेशी निर्मित अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें हैं जो पूरे एशिया और यूरोप के हिस्सों तक को निशाना बना सकती है।…
 11 November 2024
वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है। वॉशिंगटन पोस्ट ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों नेताओं के बीच…