वाशिंगटन । देश में किसान आंदोलन के चलते बड़ी संख्या में किसान, उनके परिवार व समर्थक पिछले 2 महीने से सड़कों पर हैं। इन काले कृषि कानूनों को लागू करवाने के पीछे भारत के शीर्ष दो कॉर्पोरेट घरानों अडानी एग्री लॉजिस्टिक लिमिटेड व रिलायंस रिटेल लिमिटेड का हाथ माना जा रहा है। इसकारण मोदी सरकार के साथ-साथ इनके खिलाफ भी प्रदर्शन तेज हो गए हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार किसान आंदोलन के चलते अमेरिका इन दोनों कार्पोरेट घरानों पर अपना शिकंजा कस सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों और विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार इन दोनों घरानों अडानी एग्री लॉजिस्टिक लिमिटेड (भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति, गौतम अडानी के स्वामित्व वाले) और अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस रिटेल लिमिटेड के नाम बार-बार उछाले जा रहे हैं।
जो-बाइडेन के प्रशासन में आधिकारिक स्रोत ने इन कानूनों के पीछे जाने वाले दोनों अंबानी और अडानी कॉरपोरेट्स घरानों पर मैग्निट्स्की अधिनियम के तहत अमेरिकी प्रतिबंधों की संभावना का संकेत दिया है। सूत्रों के अनुसार नई अमेरिकी सरकार के मैग्निट्स्की अधिनियम के तहत अडानी-अंबानी घरानों को गंभीर प्रतिबंधों का सामना कर पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी और अडानी समूह पर अमेरिका आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लगा सकता हैं जिसके तहत ये ग्रुप विदेशी बैंक खातों में अपने पैसे का उपयोग नहीं कर सकते है।
इसके अलावा अमेरिका के वरिष्ठ वकील और राजनीतिक विश्लेषक लनी जे डेविस ने हाल ही में भारत में किसान आंदोलन की वर्तमान स्थिति पर लेख प्रकाशित किया है। डेविस का लेख निस्संदेह भारतीय किसानों के संकट से निपटने हेतु कार्रवाई करने के लिए अमेरिकी सरकार को महत्वपूर्ण कदम उठाने को मजबूर कर सकता है। उन्होंने ट्वीट किया: पूरे भारत में पीड़ित छोटे किसानों का यह मुद्दा अब दुनिया भर में मानवाधिकारों के लिए चिंता का विषय है और अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर में मीडिया द्वारा इस मुद्दे पर संबोधित किया जाना चाहिए। मामले में सबसे अधिक आश्चर्यजनक बात यह है कि अडानी और अंबानी को भारतीय संसद में पेश किए जाने से पहले कृषि कानूनों की अच्छी जानकारी थी। फिर भी अडानी समूह ने पंजाब के मोगा जिले में 200,000 मीट्रिक टन की क्षमता के साथ एक साइलो का निर्माण किया, जो वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई ) को भोजन भंडारण की सुविधा प्रदान कर रहा है। एक अन्य उच्च क्षमता वाले साइलो को मिलाकर अडानी समूह ने उच्च मात्रा भंडारण सुविधा के लिए इसका निर्माण करने के लिए फरीदकोट जिले में जमीन खरीदी है।