वॉशिंगटन । अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मानवाधिकार रिपोर्ट में माना है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए लगातार कोशिशें की हैं। जिसकी वजह से राज्य के सामाजिक जीवन में बदलाव आने लगा है। इस रिपोर्ट में उईगुर मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर अमेरिका ने चीन को फटकार लगाई है।
रिपोर्ट का शीर्षक '2020 कंट्री रिपोर्ट आन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज' है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सरकार को शिनजियांग प्रांत में उईगुर मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार का जिम्मेदार बताया गया है। रिपोर्ट में रूस की सरकार पर विरोधियों को निशाना बनाने और सीरिया के नेता बशर अल-असद पर भी अपने लोगों के खिलाफ अत्याचार किए जाने का आरोप लगाया गया है।
यह रिपोर्ट अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने जारी की है। भारत को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार ने संचार के माध्यमों पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया है, नजरबंद किए नेताओं को रिहा कर दिया है। जनवरी में भारत सरकार ने इंटरनेट को आंशिक रूप से बहाल कर दिया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में अब भी 4जी इंटरनेट की बहाली नहीं की गई।
रिपोर्ट में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर समुदाय और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीनी कार्रवाई को नरसंहार घोषित किया। रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि 2020 में शिनजियांग प्रांत में मुख्य रूप से मुस्लिम उइगरों और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जो नरसंहार हुए वह इंसानियत के खिलाफ अपराध है। हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर काफी आलोचना भी हो रही है क्योंकि अमेरिका बीते लंब समय से अश्वेतों के खिलाफ हिंसा का गवाह रहा है।