वॉशिंगटन । अमेरिकी सेना ने पहली बार रहस्यमय लाकहीड मार्टिन आरक्यू-170 सेंटिनेल ड्रोन तैनात करने की सच्चाई को स्वीकार किया है। इस ड्रोन को लॉकहीड मार्टिन कंपनी के स्कंक वर्क्स ने स्टील्थ मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के रूप में विकसित किया था। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने इस घातक ड्रोन से मिली खुफिया जानकारी के जरिए तालिबान के ठिकानों पर इतने बम दागे थे कि इसे 'बीस्ट ऑफ कंधार' कहा जाने लगा था। यह वही ड्रोन है जिसे सन 2011 में ईरान ने कब्जे में ले लिया था।
हालांकि, अमेरिका ने कभी भी इस ड्रोन की मौजूदगी की बात को कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया था। ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिकी वायुसेना ने सार्वजनिक रूप से आरक्यू-170 सेंटिनल ड्रोन की तैनाती का खुलासा किया है। अमेरिका के नेवादा में क्रीच एयरफोर्स बेस में वायुसेना की 432 वीं विंग ने इस सप्ताह के शुरू में रहस्यमयी डेल्टा विंग के आकार के स्टील्थ ड्रोन की तैनाती का खुलासा किया है। इसके अलावा एयर कॉम्बैट कमांड के कमांडर जनरल मार्क जेली और कमांड चीफ सार्जेंट डेविड वेड के क्रीच एयरफोर्स बेस के दौरे की जानकारी भी दी है।
आमतौर पर लॉकहीड मॉर्टिन के इस ड्रोन को लेकर बहुत कम जानकारी ही आधिकारिक रूप से मौजूद है। 2007 में पहली उड़ान भरने वाले इस ड्रोन के बारे में पहली बार खुलासा करीब 2 से 3 साल पहले ही हुआ था। क्रीच एयर फोर्स बेस पर तैनात अमेरिकी वायुसेना का 432 वां विंग देश के अंदर ट्रेनिंग और दूसरे नॉन कॉम्बेट ऑपरेशन के साथ-साथ विदेशों में युद्ध का संचालन भी करता है। अमेरिका ने पिछले साल ही इस घातक ड्रोन को रोमानिया में 25वें अटैक ग्रुप के तैनात किया था। इसके अलावा इस पूरे इलाके पर नजर रखने के लिए अमेरिका ने एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को भी तैनात किया है।
लॉकहीड मार्टिन के फ्यूचरिस्टिक टेललेस फ्लाइंग विंग एयरक्राफ्ट के बारे कुछ ही जानकारियां सार्वजनिक की गई हैं। इसके नाम में जुड़े आरक्यू से यह पता चलता है कि इसमें कोई भी हथियार नहीं लगा हुआ है। एयरफोर्स टेक्नोलॉजी के अनुसार, अमेरिकी वायु सेना की सबसे गोपनीय हथियारों में शामिल इस ड्रोन को डेल्टा विंग आकार में बनाया गया है, जिसके आगे का सिरा नुकीला है और विमान में टेल नहीं है। इस डिजाइन के कारण इस ड्रोन का रडार सिग्नेचर बहुत ही कम निकलता है।