प्योंगयांग । उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने उत्तर कोरियाई सेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने का ऐलान किया है। वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (डब्ल्यूपीके) के अंतर्गत काम करने वाले सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की दूसरी बैठक में शामिल हुए किम जोंग उन ने कोरियाई प्रायद्वीप के रणनीतिक हालात की जानकारी लेने के बाद यह आदेश दिया।
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन उत्तर कोरिया की सबसे शक्तिशाली निकायों में से एक है। उत्तर कोरिया की सुरक्षा और सेना के तीनों अंगों के संचालन की जिम्मेदारी इसी निकाय के पास है। बैठक के बाद किम जोंग उन ने सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के केंद्रीय सैन्य आयोग के सदस्यों के अलावा नॉर्थ कोरियन पीपुल्स आर्मी के एक्जिक्यूटिव मेंबर्स भी शामिल हुए। बैठक में देश और दुनियाभर की रणनीतिक स्थिति से जुड़ी हालिया घटनाओं की चर्चा की गई।
किम जोंग उन ने रणनीतिक उद्देश्यों को निर्धारित करने और उन्हें मजबूत करने के तरीकों पर निर्णय लेने से पहले उत्तर कोरियाई सेना की स्थिति और प्रभावशीलता के बारे में जानकारी ली। किम जोंग ने कहा पीपुल्स आर्मी को देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इतना ही नहीं, सेना को पार्टी, क्रांतिकारी कार्य, राज्य और लोगों के हितों और समाजवादी निर्माण की रक्षा भी करनी चाहिए।
किम जोंग उन के कुछ महीने पहले ही अपनी सेना को किसी भी समय परमाणु मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था। यह आदेश उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग के जन्मदिन के अवसर पर जारी किया गया था। इस दिन उत्तर कोरिया में सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग सन फेस्टिवल मनाते हैं।
अप्रैल में ही उत्तर कोरियाई तानाशाह ने परमाणु मिसाइल और हथियार बनाने के लिए समर्पित एक विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉलेज को किम जोंग उन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी नाम दिया गया है। यहां हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक विकसित करने पर काम किया जाएगा। हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की पांच गुना गति से यात्रा करने में सक्षम हैं। इन्हें वर्तमान मिसाइल रक्षा प्रणालियों के जरिए रोकना लगभग असंभव है।
उत्तर कोरिया इन दिनों किलर डॉल्फिन की सेना बनाने में जुटा हुआ है। अमेरिका की तर्ज पर इस देश में भी डॉल्फिन मछलियों को बारुदी सुरंगों को नष्ट करने और दुश्मन के गोताखोरों को मार गिराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यूनाईटेड स्टेट नेवल इंस्टीट्यूट को मिली तस्वीरों के आधार पर कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया का नेवल मरीन मैमल प्रोग्राम अक्टूबर 2015 में शुरू हुआ था। डॉल्फिन को प्रशिक्षण देने के अड्डे को पहली बार एक शिपयार्ड के भूरे रंग के पानी में देखा गया था।