पेइचिंग ।पडोसी देश चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद अब बुबोनिक प्लेग का कहर बरप रहा है। उत्तरी चीन के बयन्नुर शहर में लगातार बढ़ते मौत के आंकड़ों के बाद हेल्थ वॉर्निंग जारी की गई है। कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के सामने अब बुबोनिक प्लेग नाम का नया खतरा पैदा हो गया है। चीन के मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र में स्थित बयन्नूर शहर में ब्यूबोनिक प्लेग से शनिवार को भी एक व्यक्ति की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इस घातक बीमारी से अबतक 11 लोगों की जान जा चुकी है। चीन के अनुसार, बयन्नूर शहर के स्वास्थ्य समिति ने एक अन्य व्यक्ति के इस खतरनाक बीमारी से मौत के बाद तीसरे स्तर की हेल्थ वॉर्निंग जारी की है। बताया जा रहा है कि ब्यूबोनिक प्लेग के कारण हो रही मौतों से सरकार डरी हुई है। इससे पहले मंगोलिया में भी एक 15 वर्षीय लड़के की इसी बीमारी से जान चली गई थी। ब्यूबोनिक प्लेग एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है।
प्लेग नामक बैक्टीरिया को इसकी मुख्य वजह है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, न कि वायरस! इसलिए इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए संभव भी है। मंगोलिया में पिछले साल में मैरमोट नामक जानवर को खाने से 2 लोगों को प्लेग हो गया था, जिसके कारण उनकी मौत भी हो गई। इसलिए इस बार सावधानी बरतने में कोई चूक नहीं करनी चाहिए। खासकर कोरोना वायरस महामारी के दौर में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। ब्यूबोनिक प्लेग बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। यह एक विशेष प्रकार के जीवाणु, यर्सिनिया पेस्टिस से संक्रमित होने कारण होता है।
मानव शरीर में आमतौर पर यह बीमारी कुतरने की प्रकृति रखने वाले जानवरों के कारण फैलती है, जो कि आमतौर पर पिस्सुओं के संपर्क में आ जाते हैं।कभी-कभी यह पिस्सू लोगों को काट भी लेते हैं जिसके कारण इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ब्यूबोनिक प्लेग के कारण संक्रमित व्यक्ति में नीचे बताए जा रहे कुछ खास प्राथमिक लक्षण देखने को मिलते हैं। संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति को सिर दर्द होता है। बुखार आने लगता है। ठंड लगने की समस्या होती है। कमजोरी महसूस होने लगती है। शरीर के एक से अधिक अंगों में सूजन हो जाती है। लिंफ नोड्स या पेट में भी दर्द हो सकता है।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, चूहा और गिलहरी या मैमल्स के शरीर में प्लेग मौजूद रहता है और जब यह जानवर मानव के संपर्क में आते हैं तो बड़ी आसानी से इनका संक्रमण उन तक भी पहुंच जाता है। इसके अलावा यह फ्ली बाइट्स, संक्रमित टिश्यू और इनफेक्शियस ड्रॉपलेट्स के कारण भी फैलता है।