रियाद । अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद से अफगानी महिलाएं डरी हुई हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद देश में दोबारा तालिबान का कब्जा हो सकता है। हेरात यूनिवर्सिटी की छात्रा बसीरह हैदरी कहती हैं कि हमने तालिबान के खौफनाक दिन देखे हैं। मुझे आशंका है कि अब वे हमें घरों से नहीं निकलने देंगे। हम अपनी पढ़ाई पूरी कर कुछ बड़ा काम करना चाहते थे। लेकिन तालिबान के आने के बाद यह कर पाना असंभव हो जाएगा। हम कट्टरपंथियों की सोच को पूरी तरह नहीं बदल सकते। कम से कम वे हमें पढऩे दें। एक अन्य छात्रा सलमा एहरारी ने कहा कि दुनिया इस बात को समझे कि तालिबान उन्हें मूर्ख बना रहा है। तालिबान अब भी नहीं बदला है। भले ही तालिबानी लोग सोशल मीडिया और आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन उनकी सोच आज भी 20 साल पुरानी है। उनके रहते महिलाएं शिक्षा नहीं ग्रहण कर सकतीं। अफगानिस्तान की एक पत्रकार आतिफा अलीजादे ने कहा, 'मेरे पिता डरे हुए हैं। उन्होंने मुझसे काम छोडऩे को कहा है।Ó आतिफा ऐसा इसलिए कह रही हैं क्योंकि पिछले छह महीने में अफगानिस्तान में 8 पत्रकारों की हत्या कर दी गई है। अमेरिका ने घोषणा की है कि वह 11 सितंबर तक अपने सभी सैनिक अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा।