वॉशिंगटन । महामारी कोविड-19 के वायरस ती रोकथाम वाले फाइजर और मॉडर्ना के वैक्सीन के लगाने का काम अमेरिका में शुरू हो गया और जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, वैक्सीन से एलर्जी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) अब मामलों को मॉनिटर कर रहा है। साथ ही जिन लोगों को एलर्जिक रिएक्शंस हो रहा है, उन्हें दूसरी डोज न लेने की सलाह दी जा रही है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, सीडीसी ने कहा है कि फाइजर की वैक्सीन लगाने के बाद एनाफिलेक्सिस (गंभीर एलर्जिक रिएक्शन) के 28 मामले सामने आ चुके हैं। उधर, मॉडर्ना की वैक्सीन लगाने के बाद एक शख्स में रिएक्शन देखा गया है। अमेरिकी पब्लिक हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, हर 10 लाख लोगों को किए जा रहे टीकाकरण पर एलर्जिक रिएक्शन की दर 11.1 प्रतिशत है। बता दें कि फ्लू के मामले में हर दस लाख टीकों पर एलर्जिक रिएक्शन की दर 1.3 है। सीडीसी की वीकली रिपोर्ट के मुताबिक, 14 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच फाइजर की वैक्सीन के 18.96 लाख डोज दिए गए जिनमें से एनाफिलेक्सिस के 21 केस मिले।
इनमें से 71 फीसदी में एलर्जिक रिएक्शन वैक्सीन लगाने के पहले 15 मिनटों के भीतर हुआ था। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि प्रति दस लाख पर 11 एलर्जिक रिएक्शन के मामलों के बावजूद फाइजर की वैक्सीन को सेफ कहा जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिएक्शन वाले 86 फीसदी मामलों में लक्षण टीका लगने के 30 मिनटों के भीतर दिखने शुरू हो गए थे। ये रिएक्शन जिन लोगों में देखे गए उनमें से 81 फीसदी में पहले भी एलर्जिक रिएक्शन हो चुका है। खास बात यह है कि गंभीर एलर्जी रिएक्शन वाले 90 फीसदी लोगों में महिलाएं थीं। बता दें कि अमेरिका में अब तक फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन 50 लाख लोगों को दी जा चुकी है। फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन लेने के 16 दिन बाद अमेरिका के मियामी शहर में एक डॉक्टर की मौत हो गई। अब सीडीसी ने कहा है कि वह इस मौत की जांच कर रहा है।