बिलासपुर-हमारे देष की अजीब समस्या है जहां दुष्कर्म राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है तो कहीं उसे अखबारों में एक काॅलम की भी जगह नहीें मिलती। हाथरस का मामला नजीर है। लेकिन वही बिलासपुर के सरकंडा में 8 साल की मासूम बच्ची दुष्कर्म का शिकार हो गई और कहीं कोई शोर तक नहीं हुआ। शाम को सरकंडा क्षेत्र में 8 साल की बच्ची घर के सामने खेल रही थी। इसी दौरान चिंगराजपारा निवासी ऑटो चालक मोहन देवांगन वहां पहुंचा। उसकी नियत बच्ची पर बिगड़ गई, इसलिए वह उसे बहला-फुसलाकर पास के निर्माणाधीन अटल आवास ले गया, जहां उसने केवल 8 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की। लेकिन इसी दौरान वहां मौजूद वाॅचमैन की नजर उस पर पड़ गई तो उसने शोर मचाना शुरू किया, जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और उन्होने मोहन देवांगन को रंगे हाथों पकड़ लिया। जिसके बाद लोगों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए उसकी जमकर पिटाई की। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। पता चला कि दुष्कर्मी शराब के नशे में धुत्त था। अब सवाल यह उठता है कि एक जैसे अपराधों में भी हमारा समाज कैसे दोहोरी नीति अपनाता है। कहीं हुआ दुष्कर्म राष्ट्रीय समस्या बन जाता है तो कहीं इस मुद्दे पर कोई बात नहीं होती चेहरा देखकर तिलक लगाने की यही प्रवृत्ति दरअसल राजनीतिक नफा नुकसान से प्रेरित होती है।