लंदन । जानलेवा रोग कैंसर का अब समय से पहले पता लगाया जा सकेगा। एक ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। इससे मरीज को ठीक वक्त पर इलाज मिल सकेगा। इस टेस्ट से काफी हद तक कैंसर की लोकेशन भी जानी जा सकती है।
दरअसल, इंग्लैंड की स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विसेज ने इस ब्लड टेस्ट को पायलट स्टडी के तौर पर शुरू किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ब्लड टेस्ट का लक्ष्य 50 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों में बीमारियों के खतरे को कम करना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लड टेस्ट की मदद से हेड एंड नेक, ओवेरियन, पेन्क्रियाटिक, इसोफेगल और ब्लड कैंसर का पता समय से पहले लगाया जा सकता है। स्टडी रिपोर्ट में दावा किया है कि टेस्ट के आधार पर बीमारियों की भविष्यवाणी होने की बात गलत साबित होने की संभावना कम ही होती है। ग्रेल इंक कंपनी ने इसमें सिक्वेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डीएनए की जांच की, जिनसे जीन की सक्रियता या निष्क्रियता का पता चला।
इसमें ट्यूमर डीएनए में जाकर पूरे शरीर में ब्लड की मदद से सर्कुलेट होता है। इस टेस्ट में डीएनए में होने वाले रसायनिक बदलाव का विश्लेषण किया जाता है, जिससे कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही चल जाता है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बोस्टन के डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में इस रिसर्च का ट्रायल हो रहा है। बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ग्रेल इंक ने इस टेस्ट को विकसित किया है। इस टेस्ट की मदद से ब्लड कैंसर जैसे मामलों की 55.1 फीसदी तक सटीक जानकारी दी जा सकती है। वहीं, बीमारी के गलत साबित होने संभावना मात्र 0.5 फीसदी रहती है।