रंगून । म्यांमार की लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर बैठी सेना को अब लोगों के आक्रोश की कीमत चुकानी पड़ रही है। विरोध की आवाज दबाने के लिए गोलियों का सहारा ले रही म्यांमार सेना को अब अपने ही लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, काया राज्य में स्थानीय विद्रोहियों की करेन्नी पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ संघर्ष में म्यांमार सेना के 40 सैनिकों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। गृहयुद्ध की आशंका के सहमे लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है।
पीपुल्स डिफेंस फोर्स से जुड़े विद्रोहियों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि रविवार की सुबह शान-काया राज्य की सीमा पर मो बाय में सेना के साथ झड़प हुई। इसमें म्यांमार की सेना ने आम लोगों के घरों पर फायरिंग करते हुए दो नागरिकों को घायल कर दिया और कई घरों को नुकसान भी पहुंचाया। लंबे समय तक चली गोलीबारी के बाद विद्रोहियों ने मो बाय के पुलिस स्टेशन को कब्जे में ले लिया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस झड़प में म्यांमार सेना के कम से कम 15 सैनिक मारे गए और चार को विद्रोहियों ने पकड़ लिया। इस गोलीबारी के बाद विद्रोहियों ने थाने को जला दिया। इसमें विद्रोही गुट के एक सदस्य की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल बताए जा रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के प्रति म्यांमार की तानाशाह सेना की क्रूरता को देखने के बाद हमने अपने द्वारा एकत्र किए गए हथियारों से लड़ने का फैसला किया।
कई स्थानीय युवाओं ने कहा कि वे विरोध करने पर गिरफ्तार होने और मारे जाने के बजाए विद्रोह करना और शहीद होना पसंद करेंगे। काया राज्य के डेमोसो टाउनशिप में भी लंबे समय तक झड़पें जारी रही। इस दौरान लोइकाव-डेमोसो हाईवे पर म्यांमार आर्मी के करीब 24 सैनिक मारे गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह लड़ाई शाम तक जारी रही। इस दौरान स्थानीय लोगों ने म्यांमार आर्मी को रोकने के लिए जगह-जगह सड़कों को जाम कर दिया जिसके बाद सेना ने बख्तरबंद गाड़ियों की मदद से शहर में प्रवेश किया।