काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाके में अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन बेहद गुस्से में हैं। हमले के बाद ह्वाइट हाउस से अपने एक संबोधन में जो बाइडेन ने कहा हम आतंकियों को माफ नहीं करेंगे। हम उन्हें ढूंढेंगे और इसकी सजा देंगे। दरअसल, काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए आत्मघाती हमले में 12 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई है। काबुल के हमलावरों को चेतावनी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा हम उन्हें माफ नहीं करेंगे। हम इस घटना को नहीं भूलेंगे। हम आपको ढूंढेंगे, मारेंगे और आपको आपके किए की सजा देंगे। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा- हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा। काबुल एयरपोर्ट के बाहर आत्मघाती हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा इन हमलों में अब तक तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का कोई सबूत सामने नहीं आया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद ही कम से कम तीन बार काबुल एयरपोर्ट पर हमले का अलर्ट दे चुके थे। 20 अगस्त को उन्होंने कहा था कि हम हवाई अड्डे पर या उसके आस-पास किसी भी संभावित आतंकवादी खतरे पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं। इसमें अफगानिस्तान में आईएसआईएस के वे सहयोगी शामिल हैं, जो जेलों को तोड़ने के बाद बाहर निकले हैं।
तालिबान के हक्कानी नेटवर्क से जुड़े हैं आईएस-के के तार
अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी संगठन आईएस-के के भीषण आत्मघाती हमले में तालिबान और पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया है। सालेह ने कहा हमारे पास जितने साक्ष्य हैं, उससे पता चलता है कि आईएस-के के लड़ाकों की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से जुड़ी हैं, जो इस समय काबुल में सक्रिय है। तालिबानी आईएस-के के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करते, लेकिन यह कुछ उसी तरह से है, जैसे पाकिस्तान तालिबान के क्वेटा शूरा से करता है। तालिबान ने अपने स्वामी (पाकिस्तान) से बहुत कुछ सीख लिया है।