कंधार । अफगानिस्तान के कंधार में महिलाएं तालिबान से खौफजदा है। महिलाओं के जेहन में 20 साल पहले तालिबान के अत्याचार की यादें अब भी ताजा हैं। यहां के दुकानदार बताते हैं कि महिलाएं इसलिए खौफजदां हैं कि 20 साल पहले उन्होंने बहुत खतरनाक शासन किया था। कंधार में सिर से पांव तक बुर्के में ढकी हर महिला आजकल सोते जागते बस यही सोच रही हैं कि 20 साल बाद महिलाओं को लेकर तालिबान की सोच कितनी बदली है?ऐसे डर महिलाओं को सता रहे हैं।
कंधार बाजार में दुकानदार मोहम्मद रहमत ने कहा, 'पहले 5 महिलाएं एक साथ आती थीं तो उन्हें डंडों से मारा जाता था। भगाया जाता था कि तुम क्यों निकले हो। कुछ दिन पहले फेसबुक पर पढ़ा कि तालिबान ने कहा है कि औरत अकेली बाजार नहीं जाएगी। डॉक्टर के पास नहीं जाएगी। एक औरत है शौहर बाहर गया है तो बच्चा बीमार है तो वो कहां जाए। तो इन चीजों से औरतें डरी हुई हैं।' तालिबान आखिर अफगान महिलाओं के साथ कैसा सलूक करेगा। ये जानने की दिलचस्पी सारी दुनिया की है। जब कंधार के बाजार महिला दिखी वो पूरी तरह से बुर्के से ढकी हुई थी।
महिलाओं से तालिबान के बारे में सवाल किए गए लेकिन उन्होंने जवाब देने से इनकार किया। कंधार और काबुल फिलहाल तालिबान के चंगुल से बाहर हैं। इसीलिए यहां बाजारों में महिलाओं को इस तरह से अकेले घूमने फिरने की छूट है। लेकिन फिर भी इनमें से कोई भी तालिबान के बारे में एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं हुआ। अफगानिस्तान को निगल चुका है और अब वो जल्द से जल्द बाकी हिस्से को भी कब्जाना चाहता है। हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता मौलाना यूसुफ अहमदी ने कहा था, 'किसी को डरने की जरूरत नहीं है। हमारे राज में सभी सुरक्षित रहेंगे। हम महिलाओं को भी हक देंगे।
तालिबान को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। हमने महिलाओं पर पाबंदियों वाले कोई भी पोस्टर नहीं लगवाए हैं । हम किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होने देंगे।'तालिबान के मुंह से इंसाफ की बात सुनना बहुत अजीब लगता है क्योंकि महिलाओं का दमन करने वाला, जब महिलाओं के हक सुरक्षित करने का दावा करता है तो ये बात कंधार में दुकान चलाने वाले मोहम्मद रहमत के गले नहीं उतरती। रहमत ने कहा, 'यहां बहुत सारा खौफ है। कारोबार पर भी फर्क पड़ा है। लोग प्रेशर में हैं। लोग भागकर यहां आ रहे हैं । बता रहे हैं कि पहले वाला रवैया नहीं है काफी अच्छा है। लेकिन तालिबान का राज देखने वाले कहते हैं कि वो शुरुआत में अच्छा बनने की कोशिश करेंगे ।
जब 6 महीने साल गुजर जाएगा तो इनका महिलाओं के साथ बुरा सलूक शुरू हो जाएगा। किसी चलते जवान को रोकना कि तुम्हारे बाल क्यों बढ़े हैं। आपकी दाढ़ी क्यों छोटी है। आपने नमाज क्यों नहीं पढ़ा है। नहीं पढ़ा है तो करवाते थे। इसलिए लोगों में खौफ है। हर रात झड़पें होती हैं।' तालिबान के जुल्म का गवाह रह चुके लोग तालिबान की फितरत जानते हैं। उन्हें तालिबान की ये चाल अच्छे से समझ में आ रही है। इसीलिए बेहतर भविष्य के लिए कंधार में रहने वाले ये लोग जल्द से जल्द अपना मुल्क छोड़ देना चाहते हैं। 20 साल पहले तालिबान के शासन में महिलाओं पर जुल्म करने के ढेरों वीडियो सामने आए। जिसमें महिलाओं को खुलेआम गोली से उड़ा दिया गया। यही खौफ अब दोबारा अफगानिस्तान के सामने लौट आया है।