काबुल । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे से पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर तजाखिस्तान चले गए हैं। इसकी वजह से राजनीतिक गलियारों में उनकी आलोचना भी हो रही है। हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने इस कदम को लेकर सफाई भी दी है। इस घटना के कुछ घंटों के बाद तालिबान ने काबुल स्थित राष्ट्रपति निवास को भी अपने कब्जे में ले लिया है। राष्ट्रपति गनी ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बताया है कि उन्होंने ये कदम रक्तपात से बचने के लिए उठाया है। उन्होंने लिखा है कि उनके लिए ये कदम उठाना बेहद मुश्किल है। इसमें उन्होंने आगे लिखा है कि तालिबान के आने के बाद लाखों नागरिकों की सुरक्षा दांव पर लगी है। अब तक चले युद्ध में हजारों बेगुनाह मारे जा चुके हैं। हालांकि राष्ट्रपति के इस कदम की काफी आलोचना भी हो रही है।
एएनआई ने बताया है कि देश के पूर्व संसद सदस्य जमील करजई ने राष्ट्रपति गनी पर देश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ये भी कहा है कि देश के मौजूदा हालातों के लिए वही जिम्मेदार हैं। इसके लिए लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। ये भी बता दें कि राष्ट्रपति गनी ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। हालांकि अब उनके इस पद पर बने रहने के मायने भी खत्म हो गए हैं। जमील राष्ट्रपति गनी के चचेरे भाई भी हैं। खबरों के मुताबिक गनी के साथ उनके करीबी सहयोगियों ने भी देश छोड़ दिया है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री बिसमिल्लाह मोहम्मदी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि उन्होंने देश के हालातों से निपटने की जिम्मेदारी अन्य नेताओं को सौंप दी है। उन्होंने ये भी कहा है कि सोमवार को एक डेलीगेशन दोहा में अफगानिस्तान को होने वाली वार्ता में हिस्सा लेने के लिए जाएगा। इसमें यूनुस कानूनी, अहमद वली मसूद, मोहम्मद मोहकीक शामिल हैं। हर तरफ तालिबान आतंकी सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। कभी राजनीतिक तौर पर गुलजार रहने वाला राष्ट्रपति निवास भी अब हाथों में बंदूक लिए आतंकी दिखाई दे रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की अत्यधिक भीड़ जुटी है जिसकी वजह से वहां का माहौल बेहद अफरातफरी वाला है।