नई दिल्ली । आईपीएल क्रिकेट के बाद अब चीनी मोबाइल कंपनी वीवो प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) और टेलीविजन शो बिग बोस की खिताबी प्रायोजक नहीं रहेगी। प्रो कबड्डी के लिए वीवो हर साल का 60 करोड़ और टेलीविजन शो बिग बॉस के लिए हर सत्र के लिए वह 30 करोड़ रुपये दे रही थी। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ने से अब कंपनी प्रबंधन इस साल ब्रांडिंग और प्रमोशन पर ज्यादा खर्च नहीं करना चाहता। इसकी जगह कंपनी का ध्यान रीटेल डिस्काउंट के जरिए अपने उत्पाद बेचने पर रहेगा। जब तक दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं, तब तक वीवो प्रबंधन इसी रणनीति के जरिये कारोबार करेगी।
वीवो ने प्रो कबड्डी लीग के लिए साल 2017 में पांच सालों के लिए 300 करोड़ में करार किया था। कोरोना महामारी के कारण 2020 में कबड्डी लीग रद्द कर दी गई है। ऐसे में कंपनी ने डील समाप्त करने की बात कही है। वीवो ने बिग बॉस के लिए भी साल 2019 में दो सालों के लिए 60 करोड़ में प्रायोजन करार किया था। वहीं कंपनी ने बीसीसीआई के साथ 2190 करोड़ का करार किया था। हर साल विवो हर साल ब्रांडिंग और प्रमोशन पर 1000 करोड़ के करीब खर्च करती है, जिसे बचाकर अब वह ज्यादा रीटेल डिस्काउंट देकर अपने उत्पादों को बेचेगी।