दुबई । यमन के हुती विद्रोहियों के लगातार हवाई हमले झेल रहे सऊदी अरब को अमेरिका ने झटका देते हुए हाल के हफ्तों में यहां तैनात अति आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली और पैट्रियट बैटरी को हटा लिया। उपग्रह की तस्वीरों के विश्लेषण से यह जानकारी हासिल हुई। रियाद से बाहर प्रिंस सुल्तान एयर बेस से सुरक्षा प्रणाली को हटाने का यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका के खाड़ी अरब सहयोगियों ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की अफरा-तफरी वाले माहौल में वापसी देखी है। ईरान का मुकाबला करने के लिए अरब प्रायद्वीप में हजारों अमेरिकी सैनिक बने हुए हैं। खाड़ी अरब देशों को अमेरिका की भविष्य की योजनाओं को लेकर चिंता सता रही है क्योंकि उसकी सेना एशिया में बढ़ते सैन्य खतरे को मानती हैं और उसके लिए उसे मिसाइल रक्षा प्रणाली की जरूरत है।
वहीं विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते के खत्म होने के बाद इसको लेकर वियना में हो रही बातचीत भी अटक गई है, जिससे क्षेत्र में आगे संघर्ष के खतरे बढ़ गए हैं। राइस यूनिवर्सिटी के जेम्स ए बेकर इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक पॉलिसी के एक शोधार्थी क्रिस्टन उलरिसेन ने कहा कि धारणाएं काफी मायने रखती हैं, चाहे वह वास्तविक हों या नहीं और अभी इस क्षेत्र में निर्णय लेने वाले अधिकारियों में यह धारणा है कि अमेरिका इस क्षेत्र के प्रति अब उतना प्रतिबद्ध नहीं है, जितना वह हुआ करता था। अगस्त के अंतिम समय में जो उपग्रह से ली गई तस्वीर देखी उसमें यह नजर आ रहा था कि कुछ बैटरी इलाके से हटाई गई हैं। हालांकि गतिविधि और वाहन वहां देखे गए थे। वहीं शुक्रवार को प्लेनेट लैब उपग्रह की तस्वीर में यह दिखा कि इस स्थल पर बैटरी पैड खाली हैं और किसी तरह की गतिविधि भी नहीं है। रक्षा प्रणाली को ऐसे समय में हटाया गया है जब हाल में सऊदी अरब पर हुती के ड्रोन हमले में आठ लोग जख्मी हो गए। सऊदी अरब मार्च, 2015 से ही हुती विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है।