काबुल। काबुल एयरपोर्ट पर आईएसआईएस-के के हमले में अपने 13 सैनिकों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिकी सेना ने शनिवार को आतंकी संगठन आईएसआईएस-के के ठिकाने को हवाई हमले में निशाना बनाया। अमेरिकी हमले में काबुल अटैक के मुख्य साजिशकर्ता के मारे जाने की खबर है। अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान के नांगहार प्रांत में आईएसआईएस (के) के ठिकानों को ड्रोन हमले में निशाना बनाया गया।
नांगहार को आईएसआईएस का गढ़ माना जाता है। इस हमले में काबुल हमले का साजिशकर्ता भी मारा गया है। राहत की बात यह है कि इस हमले में किसी आम नागरिक के मारे जाने की खबर नहीं है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी इस हमले की पुष्टि की है। सेंट्रल कमांड के कैप्टन बिल अर्बन ने कहा कि अफगानिस्तान के नांगहार प्रांत में एक एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया गया। शुरुआती संकेतों के मुताबिक हमने टारगेट को मार गिराया है।
वहीं दूसरी ओर, अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर एक बार फिर से आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट में एयरपोर्ट के आस-पास एक बार फिर आतंकी हमले की आशंका जताई गई है। खतरे को देखते हुए काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने लोगों से कहा है कि वे एयरपोर्ट के सभी गेट के पास से हट जाएं। इसके अलावा एयरपोर्ट जा रहे अमेरिकी नागरिकों के लिए अमेरिकी दूतावास ने एडवाइजरी भी जारी की है। पेंटागन ने अपने बयान में इसे ओवर द हारिजन ऑपरेशन बताया, जिसका मतलब है कि हमला करने के लिए ड्रोन ने एयरक्राफ्ट ने अफगानिस्तान के बाहर से उड़ान भरी थी। अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के बाद बाइडन प्रशासन के पास इसी तरह के हमले का विकल्प खुला रहेगा। बाइडन ने काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद गुरुवार को कहा था कि अमेरिका ने ही इस हमले को भूलेगा और न माफ करेगा। उन्होंने सेना को जवाबी कार्रवाई की तैयारी करने के आदेश दिए थे।