देश में सड़क हादसों में भारी इजाफा, 6 राज्यों में हुई आधे से अधिक मौतें, आंकड़े कर देंगे हैरान

Updated on 21-10-2024 01:17 PM
नई दिल्ली: भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा चिंताजनक है। 2023 में देश में 1,73,000 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा बैठे। इनमें से लगभग 55% मौतें केवल छह बड़े राज्यों - उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई हैं। राजस्थान में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया है, जहां 2022 की तुलना में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 6% की वृद्धि हुई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बढ़ते हुए आंकड़े पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को अधिकारियों और इंजीनियरों से सड़क दुर्घटनाओं की जांच करने और सुधारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया।

सड़क हादसों में बुझ गए हजारों घरों के चिराग


आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में इन छह राज्यों में 95,246 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई, जबकि 2022 में यह संख्या 91,936 थी। हालांकि सड़क परिवहन मंत्रालय और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा अभी तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई है, लेकिन यह ट्रेंड बताता है कि भारत द्वारा अगले छह वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करने की कोशिश के बावजूद यह समस्या कितनी गंभीर होती जा रही है।

दिल्ली में संयुक्त आयुक्त (यातायात) रह चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्येंद्र गर्ग ने बताया कि दुर्घटनाओं की उचित जांच और हस्तक्षेप से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। दिल्ली के यातायात मुद्दों से निपटने के दौरान मुझे इसका एहसास हुआ था। ज़्यादातर दुर्घटनाओं और मौतों को रोका जा सकता है।

हादसों की जांच जरूरी


विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी अधिकारियों को इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है कि बड़े राज्यों में सड़कें और वाहन ज्यादा होने के कारण सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या भी ज्यादा होगी। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और ड्राइविंग मैनुअल के लेखक नरेश राघवन का कहना है कि कानूनों को लागू करने के साथ-साथ ड्राइवरों को शिक्षित करने पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। वह कहते हैं कि याद रखें कि केवल पांच या छह नियमों को ही पुलिस यातायात नियमों को लागू कर सकती है। शेष 45 बुनियादी सड़क नियम लोगों/ड्राइवरों को सिखाने होंगे।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को सड़क और पुल निर्माण में उभरते रुझानों और तकनीकों पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में हमने 1.73 लाख लोगों की जान गंवाई है और याद रखें कि हर साल मरने वाले लगभग 60% लोग 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं। सड़क दुर्घटनाओं की सामाजिक-आर्थिक लागत हमारे सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3% है। कृपया इसे गंभीरता से लें। सड़क सुरक्षा के मुद्दों को संवेदनशीलता से निपटें, दुर्घटनाओं की जांच करें, खतरनाक जगहों को ठीक करें और मुद्दों का समाधान करें। हमने युद्धों में भी इतने लोगों को कभी नहीं खोया।
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