वाशिंगटन । अमेरिका जैसे देश में ऑनलाइन नीम के दातुन करीब 18 सौ रुपए बंडल बिक रहा है।मेडिकल टर्म्स में इसकी ब्रांडिंग कर कंपनियां इससे अच्छा-ख़ासा मुनाफा कमा रही हैं।अमेरिका में लोगों के बीच नीम के दातुन काफी मशहूर हो रहे हैं।जहां भारत में अब लोग इलेक्ट्रिक ब्रश को प्रेफर कर रहे हैं, वहीं विदेशी अब भारत की प्राचीन सभ्यताओं को अपनाने लगे हैं।वहां लोगों के बीच नीम के दातुन मशहूर हो रहे हैं।नीम में कई तरह के औषधीय गुण हैं। इसके रस से दांतों को काफी फायदा पहुंचता है।कई साइट्स पर नीम के दातुन मौजूद हैं।
नीम ट्री फार्म्स नाम की वेबसाइट पर आपको ये दातुन करीब 18 सौ रुपए में मिल जाएंगे।इसमें नीम के गुण बताकर इसकी ब्रांडिंग की जा रही है।कंपनी खुद नीम के पेड़ उगाती है और उससे तोड़े डंठलों को सुखा कर उसके दातुन पैक कर बेच रही है।वेबसाइट चेक करने पर पता चला कि इसकी भारी डिमांड है।लोग अपने हिसाब से दातुन का साइज ऑर्डर कर रहे हैं।ये दातुन पैकेट से निकलने के तीन महीने तक इस्तेमाल के लायक होते हैं।साथ ही इन्हें स्टोर करने का भी इंस्ट्रक्शन दिया गया है।आप इन दातूनों को फ्रिज में पेपर में लपेट कर स्टोर कर सकते हैं।लेकिन इन्हें फीजर में नहीं डालना है।करीब 6 इंच लंबे दातुन की सबसे ज्यादा डिमांड है।नीम के दातुन अमेजन पर भी बेचे जा रहे हैं।अगर अमेजॉन से इसे अमेरिका में आर्डर किया जाए, तो इसकी कीमत करीब 800 रुपए है।इसमें आपको सौ दातुन के दो पैक डिलीवर किये जाएंगे।वहीं अगर अमेजॉन से इसे भारत में आर्डर करें तो ये आपको करीब साढ़े 12 सौ रुपए डिलीवर किया जाएगा।लोग हैरान हैं कि जिन चीजों को भारत में कोई पूछता नहीं है, उन चीजों को कैसे विदेशी मार्केट में पैकेजिंग के साथ बेचकर मुनाफ़ा कमाया जा रहा है। मालूम हो कि भारत में कई चीजें आपको फ्री ऑफ कॉस्ट में मिल जाती है। घर के बाहर लगे आम, अमरुद या नीम के पेड़ों से उसके ब्रांच, पत्ते आदि तोड़कर लोग इस्तेमाल कर लेते हैं। खासकर बात अगर दातुन की करें।
नीम का पेड़ कई औषधीय महत्वों से भरा है।इसके छाल से लेकर पत्तों तक में कई तरह की बीमारियों को दूर करने का गुण मौजूद है।भारत में ये आराम से आपको किसी के घर में या सड़क के किनारे मिल जाएगा।लेकिन विदेशों में इन्हीं चीजों की अच्छे से पैकिंग कर मार्केटिंग की जाती है और इससे पैसे कमाए जाते हैं।बीते दिनों ऑनलाइन चारपाई बिकने की खबर ने लोगों का ध्यान खींचा था।भारत के लोग तो हैरान रह गए थे कि जिस चारपाई को अब इंडिया के लोग काफी कम इस्तेमाल करते हैं, या अब जो सिर्फ गांवों में दिखता है, उसे विदेशों में हजारों की कीमत में बेचा जा रहा है।