दक्षिण अमेरिकी देश चिली में 2008 में 50 पीसो के सिक्के पर देश का नाम गलत प्रिंट हो गया था। लाखों ऐसे सिक्के मिंट किए गए थे जिनमें Chile के बजाय Chiie लिखा गया था। मजेदार बात है कि अगले एक साल यानी 2009 तक किसी का भी ध्यान इस पर नहीं गया। लेकिन जब लोगों को ध्यान इस पर गया तो देश में हड़कंप मच गया था। सरकार ने इस सिक्कों की ढलाई के लिए जिम्मेदार आदमी को तुरंत नौकरी से निकाल दिया। लेकिन नेशनल मिंट ने कहा कि उसकी इन सिक्कों को वापस लेने की कोई योजना नहीं है। उस समय इन सिक्कों की कीमत करीब $0.09 थी। अब ये कॉइन उन लोगों की अलमारी की शोभा बढ़ा रहे हैं जिन्हें पुराने सिक्के जमा करने का शौक होता है।
दक्षिण अमेरिकी देश चिली में 2008 में 50 पीसो के सिक्के पर देश का नाम गलत प्रिंट हो गया था। लाखों ऐसे सिक्के मिंट किए गए थे जिनमें Chile के बजाय Chiie लिखा गया था। मजेदार बात है कि अगले एक साल यानी 2009 तक किसी का भी ध्यान इस पर नहीं गया। लेकिन जब लोगों को ध्यान इस पर गया तो देश में हड़कंप मच गया था। सरकार ने इस सिक्कों की ढलाई के लिए जिम्मेदार आदमी को तुरंत नौकरी से निकाल दिया। लेकिन नेशनल मिंट ने कहा कि उसकी इन सिक्कों को वापस लेने की कोई योजना नहीं है। उस समय इन सिक्कों की कीमत करीब $0.09 थी। अब ये कॉइन उन लोगों की अलमारी की शोभा बढ़ा रहे हैं जिन्हें पुराने सिक्के जमा करने का शौक होता है।
चिली का इतिहास
दक्षिण अमेरिका में किसी दौर में इंका वंश का शासन चलता था लेकिन 16वीं शताब्दी में स्पेन ने इसे अपना हिस्सा बना लिया। 1818 में चिली स्पेन की गुलामी से आजाद हो गया। 1973 से 1990 तक देश में सैन्य शासन रहा। चिली की करेंसी पीसो है। एक भारतीय रुपये की कीमत 11.26 पीसो के बराबर है। चिली अभी खासकर दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। इसमें एक आर्थिक और दूसरी राजनीतिक है। देश की इकॉनमी पिछले दशक में सुस्त पड़ गई थी जिसे पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है।