काबुल । अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इटली के एयरक्राफ्ट पर हुई फायरिंग की घटना को लेकर तालिबान ने जानकारी दी है कि उसके लड़ाकों ने हवाई अड्डे के पास भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं थीं। उनका निशाना इटली का सैन्य परिवहन विमान सी-130 नहीं था।
इसके पहले कई मीडिया रिपोर्ट में रोम के अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया था कि इटली के एयरक्राफ्ट पर काबुल में फायरिंग की गई है। इटली के सैन्य अधिकारियों ने पहले बताया था कि काबुल एयरपोर्ट से लगभग 100 अफगान नागरिकों को लेकर रोम आ रहे सी-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पर उड़ान के कुछ सेकेंड बाद फायरिंग की गई थी।
एक इतालवी पत्रकार ने बताया कि वह 98 अफगान नागरिकों के साथ विमान में सवार थी, जब विमान को मशीनगनों से निशाना बनाया गया। पत्रकार ने कहा कि पायलट ने तुरंत इस फायरिंग पर कार्रवाई की और विमान को गोलियों से बचाने के लिए हवा में इधर-उधर घुमाया। इस दौरान विमान में सवार सभी नागरिक डर गए। हमें थोड़ी घबराहट हुई लेकिन जल्द ही हालात पर काबू पा लिया गया। रिपोर्ट में बताया है कि इटली के हवाई जहाज को कुवैत में सुरक्षित उतार लिया गया।
जांच के दौरान विमान पर हमले के कोई सबूत नहीं मिले। विमान में ईंधन भरने के बाद उसे रोम के लिए रवाना कर दिया गया है। लॉकहीड मार्टिन सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान छोटे मोटे हमलों को आसानी से झेल सकता है। इसका बाहरी ढांचा इतना मजबूत है कि नजदीक से भी एके-47 जैसे बंदूक से की गई गोलीबारी का इसपर कोई असर नहीं होगा। इस विमान का इस्तेमाल अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के करीब 20 देश कर रहे हैं। इसे कई बार जंग के मैदान में भी आजमाया जा चुका है।