जिनेवा । प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार पाने वाली मलाला यूसुफजई ने कहा कि अफगानिस्तान में महिला सुरक्षा को लेकर तालिबान का बयान देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसे महिलाओं की शिक्षा समेत अन्य अधिकारों की गारंटी देनी चाहिए। मलाला ने अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक को संबोधित करते हुए युद्धग्रस्त देश में महिलाओं और लड़कियों के लिए शिक्षा के मुद्दे पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार केवल वैयक्तिक नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून महिलाओं को शिक्षा के अधिकार की गारंटी देते हैं।
उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का आह्वान किया और कहा कि उसे मानव की गरिमा की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान के लिए लड़कियों को शिक्षा की आवश्यकता है। अफगानिस्तान में स्कूलों की स्थिति पर मलाला ने कहा कि देश में माध्यमिक स्कूल बंद कर दिए गए हैं तथा शिक्षकों और छात्रों को घर पर इंतजार करने के लिए कहा गया है। महिला शिक्षकों के पास अब नौकरी नहीं है क्योंकि उन्हें लड़कों को पढ़ाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने एक मजबूत निगरानी प्रणाली स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का आह्वान किया और कहा कि अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के हनन पर नजर रखी जा सके, खासकर लड़कियों की शिक्षा के संबंध में।उन्होंने अफगानिस्तान के विकास और मानवीय सहायता में वृद्धि करने का आग्रह किया , ताकि स्कूल सुरक्षित रूप से खुल सकें और संचालित हो सकें। उन्होंने जोर दिया कि अफगानिस्तान के सभी क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र की उपस्थिति की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है। उन्होंने यूएनएससी से अफगानिस्तान में लड़कियों और महिलाओं के साथ खड़े होने का आग्रह किया।