काबुल । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर इस्लामिक इस्टेट-खुरासान (आईएस-के) के आत्मघाती हमलावर ने तालिबान की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए अमेरिकी सैनिकों पर मात्र 5 मीटर की दूरी से जोरदार फायरिंग और बाद में खुद को विस्फोट से उड़ा लिया। इस हमले में 90 लोग मारे गए हैं, जबकि 150 से अधिक घायल हुए हैं। मरने वालों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। एयरपोर्ट के बाहर की सुरक्षा व्यवस्था तालिबान के सबसे क्रूर कहे जाने वाले गुट हक्कानी नेटवर्क के पास थी। आत्मघाती बम हमलावर का नाम अब्दुल रहमान अल लोगारी बताया गया है। आईएस ने इस हमलावर की तस्वीर भी जारी की है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में अब तक 90 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। इस्लामिक स्टेट खोरासन (आईएस-के) आतंकी गुट ने टेलिग्राम पर एक बयान जारी करके इस हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर की तस्वीर भी जारी की है। आईएस-के ने बताया कि अमेरिकी सैनिकों पर हमला मात्र 5 मीटर की दूरी से किया गया, जो उस समय अफगान शरणार्थियों के दस्तावेज बना रहे थे। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि काबुल में हुए तीन धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों की जानें गई हैं। मरने वालों में 12 मरीन और एक नेवी का सैनिक है, जबकि 15 सैनिक घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि सभी हमले एयरपोर्ट के बाहर किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हमले को बर्बर करार देते हुए कहा कि इस घटना ने साबित कर दिया है कि अफगानस्तान से निकासी अभियान तेजी से जारी रखने की जरूरत है।