रायपुर। राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का प्रभाव यह हो रहा है कि आज राज्य के युवा किसान उन्नत कृषि को अपनाकर अपनी पैदावार तो बढ़ा ही रहे हैं। साथ ही अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण सुकमा जिले का है, जहाँ युवा किसान लक्ष्मीनाथ बघेल ने उन्नत कृषि को अपनाकर समृद्धि की ओर कदम बढ़ाया हैं। एक समय पेद्दा खेती के लिए प्रसिद्ध इस क्षेत्र में आज किसान आधुनिक कृषि को अपना रहे हैं जो किसी आश्चर्य से कम नहीं है। लक्ष्मीनाथ जैसे युवाओं ने आधुनिक कृषि के द्वारा न केवल स्वयं समृद्धि की राह पर कदम बढ़ाया है, बल्कि क्षेत्र के अन्य युवा किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शक बने हैं।
लॉकडाउन से राज्य में आर्थिक गतिविधियों के धीमे होने से लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, वहीं ऐसे विकट परिस्थिति के बीच भी लक्ष्मीनाथ जैसे किसान नवीन कृषि पद्धति के द्वारा हर माह 40 से 45 हजार रुपए तक की आमदनी कर रहे हैं। लगभग 15 एकड़ भूमि के मालिक लक्ष्मीनाथ ने लगभग 4-5 वर्ष पूर्व ही उन्नत कृषि को अपनाया और अब इस पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें उन्नत कृषि के लिए प्रोत्साहित करने में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की अहम् भूमिका रही है। वे अब समय-समय पर आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण लेने के साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं।
लक्ष्मीनाथ ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में फेंसिंग करवाया। उद्यानिकी विभाग के सहयोग से शेडनेट भी बनाया है।उनके द्वारा उद्यानिकी विभाग के सहयोग से ही कृषि उत्पाद एवं खाद आदि रखने के लिए टेक हाउस भी बनाया है। उन्होने बताया कि उनके द्वारा खीरा, भिंडी, बरबट्टी और विभिन्न प्रकार की भाजियों की फसल भी ली जा रही हैै। सब्जियों के साथ ही वे धान, मूंग और केले की खेती भी कर रहे हैं। वे डबरी खुदवाकर मछलीपालन भी कर रहे हैं। लक्ष्मीनाथ ने बताया कि उन्होंने गत वर्ष की तुलना मेें इस वर्ष अधिक उपज प्राप्त की है। वे अपने कार्य को लगातार बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। वे क्षेत्र के युवा कृषकों को भी अपने अनुभव साझा करते हुए उन्नत कृषि के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।