बच्चे की उम्र के साथ स्ट्रेच होकर अपने आप बड़े हो जाते हैं जूते, इसी कारोबार से हर महीने लाखों की कमाई

Updated on 05-10-2024 12:22 PM
नई दिल्ली: जब भी हम बच्चों के जूते लेने जाते हैं तो सबसे बड़ी समस्या साइज को लेकर होती है। बढ़ती उम्र के बच्चों के साथ यह समस्या ज्यादा होती है। कोई भी जूता बमुश्किल 5-6 महीने चलता है, उसके बाद वह बच्चे के पैर में छोटा आने लगता है। कारण, बच्चे का पैर बड़ा हो जाता है। इसी समस्या को ध्यान में रखकर पुणे के सत्यजीत मित्तल ने नया बिजनस शुरू किया। वह इस बिजनस से आज लाखों रुपये महीने कमा रहे हैं।

क्या है पूरा बिजनस

सत्यजीत मित्तल बताते हैं कि 10 साल की उम्र तक ज्यादातर बच्चे सही आकार के जूते नहीं पहन पाते। जूते का साइज या तो कुछ बड़ा होता है या कुछ छोटा। वह बताते हैं कि तीन साल की उम्र तक के बच्चों के पैरों का साइज हर तीन महीने में बदलता है। जब बच्चा 13 साल की उम्र तक पहुंचता है तो उसके पैर का साइज लगातार बढ़ता जाता है। इस उम्र में आने तक बच्चा कई साइज के जूते पहन चुका होता है।

उन्होंने कहा कि बच्चे के पैर बढ़ते हैं, लेकिन जूते नहीं। माता-पिता जो जूते खरीदते हैं, वे कुछ समय बाद ही छोटे हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अरेटो (Aretto) नाम से स्टार्टअप शुरू किया। वह बच्चों के लिए ऐसे जूते बनाते हैं जो बच्चे के बड़े होने के साथ ही उनके पैर के आकार के हो जाते हैं। यानी ये स्ट्रेचेबल जूते बनाते हैं। ये न केवल फ्लेक्सिबल बल्कि आरामदायक भी होते हैं।

बच्चों के पैर पर की रिसर्च

सत्यजीत ने अपना स्टार्टअप शुरू करने से पहने बच्चों के शू मार्केट को जाना। उन्होंने मार्केट में बच्चों और बड़ों के जूतों में बहुत अंतर पाया। उन्होंने देखा कि बच्चों के जूतों को कोई बड़ा ब्रांड नहीं है। इसके अलावा उन्होंने बच्चों के पैरों पर कुछ रिसर्च भी की।

वह बताते हैं कि उन्होंने साल 2020 में पीडियाट्रिस्ट से बात करके बच्चों के पैरों की शारीरिक रचना पर रिसर्च करना शुरू किया। उन्हें रिसर्च में पता चला कि बच्चे के पैर चौड़े होते हैं और पहले तीन सालों में हड्डियों का आकार पूरी तरह विकसित नहीं होता है। पैरों में हजारों नर्व्स होती हैं। इन्हें पहले छह सालों में सिम्युलेट करना होता है। दो साल की रिसर्च के बाद वह ऐसा जूता बनाने में सफल रहे जो बच्चे के बढ़ने के साथ-साथ स्ट्रेच होता जाता है। ऐसे में माता-पिता को बच्चे के लिए बार-बार जूते खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती।

दो साल पहले शुरू की कंपनी

सत्यजीत ने साल 2022 में बचपन की दोस्त कृतिका लाल के साथ अरेट्टो की स्थापना की। कृतिका स्टार्टअप की मार्केटिंग और सेल्स को मैनेज करती हैं। सत्यजीत ने बच्चों के लिए इनोवेटिव जूते बनाए हैं। इन्होंने इसका पेटेंट भी कराया हुआ है। वह बताते हैं कि इन्होंने तीन साइज के लिए एक जूता चुना। यह जूता 18 मिमी तक स्ट्रेच हो जाता है। ऐसे में बच्चे का पैर बढ़ने पर भी यह जूता उसके पैर में फिट आता है।

एक महीने में लाखों की कमाई

इनके एक जोड़ी जूते की कीमत 1800 रुपये से 2600 रुपये के बीच है। हाल ही में इन्होंने एक महीने में 20 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है। इसमें 80 फीसदी महीने-दर-महीने की वृद्धि हो रही है। वह भारत के अलावा अमेरिका और यूके में भी जूतों की सप्लाई करते हैं।
Advt.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 10 January 2025
नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार के पैसा निकालने का सिलसिला नए साल में भी जारी है। साल के पहले 7 दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने दो…
 10 January 2025
नई दिल्ली: इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन और एमडी एसएन सुब्रह्मण्यम सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। Reddit पर उनका एक वीडियो आया है…
 10 January 2025
नई दिल्ली: हाल ही में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी (bull run) चली, तो निवेशकों में खूब जोश था। ज्यादा रिस्क, ज्यादा मुनाफे की उम्मीद में लोग नैनो-कैप स्टॉक (छोटे शेयरों)…
 10 January 2025
नई दिल्ली: 2025 में भारतीय घरों की आमदनी और बचत को लेकर काफी चिंताएं हैं। लोकल सर्कल्स के सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 24% परिवारों को भरोसा है कि उनकी सालाना आय…
 10 January 2025
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप ने एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचने के लिए अपने ऑफर फॉर सेल (OFS) का साइज 13% से बढ़ाकर 20% करने का…
 10 January 2025
नई दिल्ली: अमेरिका का लॉस एंजिलिस अपने इतिहास की सबसे भयानक आग से जूझ रहा है। इस आग में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों मकान खाक हो…
 10 January 2025
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस का शेयर आज छह फीसदी उछला। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी ने गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद अपना तीसरी तिमाही का…
 09 January 2025
नई दिल्ली: भारत की आबादी इस समय करीब 150 करोड़ है। इसमें से 90 करोड़ से भी अधिक व्यक्तियों के हाथ में स्मार्टफोन है। स्मार्टफोन है तो जाहिर है कि…