नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए कंपनियों के निदेशक मंडल की दो बैठकों के बीच समय के अंतर पर नियमों के अनुपालन में दी गई ढील को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया। नियमों के अनुसार निदेश मंडल या ऑडिट समिति को साल में कम-से-कम चार बैठकें करनी होती है। इसमें दो बैठकों के बीच अधिकतम अंतर 120 दिनों का हो सकता है। एक परिपत्र में सेबी ने कहा कि निदेशक मंडल, ऑडिट समिति की दो बैठकों के बीच अधिकतम समय के अंतर में ढील को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ाया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि हालांकि सूचीबद्ध इकाइयों के निदेशक मंडलों और ऑडिट समितियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे साल में कम-से-कम चार बैठकें करें। सूचीबद्ध कंपनियों के इस बारे में आग्रह के बाद सेबी ने नियम के अनुपालन में ढील की अवधि बढ़ाई है। इससे पहले मार्च में नियामक ने सूचीबद्ध बाध्यताओं और खुलासा जरूरत नियम (एलओडीआर) के तहत निदेश मंडल और ऑडिट समिति की दो बैठकों के बीच 120 दिन के अधिकतम अंतर के नियम के अनुपालन में ढील दी थी। यह छूट एक दिसंबर 2019 से 30 जून 2020 के बीच होने वाली बैठकों अथवा प्रस्तावित बैठकों के मामले में दी गई है। इससे पहले सेबी ने बुधवार को कंपनियों को चौथी तिमाही और सालाना वित्तीय परिणाम सौंपने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है।