मॉस्को। रूस ने 14 साल की देरी से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए नउका लैब मॉड्यूल को सफलतापूर्वक लांच किया है। इसकी सहायता से रूसी अंतरिक्षयात्री और अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान कर पाएंगे। नउका को रूस की सबसे बड़ी अंतरिक्ष प्रयोगशाला बताया जा रहा है। नउका का पूरा नाम रशियन मल्टीपरपज रिसर्च मॉड्यूल (एमएलएम) के नाम से भी जाना जाता है। नउका को कजाकिस्तान में रूस के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से प्रोटॉन-एम रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया। रूस ने जानकारी दी है कि इस समय नउका मॉड्यूल ऑर्बिटल आउटपोस्ट के बाहर प्रोटॉन-एम रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। 29 जुलाई को इसके अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने का अनुमान है। 22 टन वजनी नउका मॉड्यूल को 2007 में लॉन्च करने का प्लान बनाया गया था। लेकिन, इसकी लॉन्चिंग में समय के साथ देरी होती चली गई। यह मॉड्यूल अपने साथ यूरोपीय रोबोटिक ऑर्म ईआरए लेकर गया है। इस रोबोटिक आर्म को आईएसएस के रूसी हिस्से में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मॉड्यूल लिफ्टऑफ के 580 सेकंड बाद लॉन्चर से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने एक ट्वीट में रॉकेट से मॉड्यूल के सफलतापूर्वक अलग होने की पुष्टि की है।
रोस्कोस्मोस ने लिखा कि लिफ्टऑफ के टी+9:40 मिनट बाद नौका मल्टीपरपज लैबरेटरी मॉड्यूल प्रोटॉन-एम कैरियर रॉकेट से तीसरे चरण में अलग हो गया है। इसके बाद यह मॉड्यूल आईएसएस के लिए अपनी 8 दिनों की स्वायत्त उड़ान शुरू कर रहा है। लॉन्चिंग के 30 मिनट बाद रोस्कोस्मोस ने बताया कि नउका ने अपने सौर पैनल और एंटेना को सफलतापूर्वक तैनात कर दिया है। रूसी समाचार एजेंसी ने बताया कि मॉड्यूल अब अपनी कक्षा में आगे बढ़ने के लिए अपने स्वयं के इंजनों का उपयोग करेगा। इस मॉड्यूल का आईएसएस से जुड़ाव 29 जुलाई को तय माना जा रहा है। 42 फीट लंबे और 14 फीट के अधिकतम व्यास वाले इस मॉड्यूल में कई आधुनिक सुविधाएं होंगी। रूसी अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस मॉड्यूल में पहले से ज्यादा एक्सपेरिमेंट भी कर सकेंगे। इसमें हर एक अंतरिक्षयात्री के लिए एक अलग बिस्तर होगा। इसके साथ ही शौचालय, ऑक्सीजन जनरेटर और पेशाब को फिल्टर कर पानी बनाने वाली प्रणाली भी लगी हुई है।