मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेमेंट सिक्योरिटी के नियमों को और कड़ा कर दिया है। इसकी वजह बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड हैं। आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट के सिक्योरिटी कंट्रोल के मामले में बैंकों व अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज को थर्ड पार्टी द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पेमेंट ऐप्स के लिए और जिम्मेदार बनाते हुए एक नया निर्देश जारी किया है। इसमें कॉमन मिनिमम स्टैंडर्ड्स रखे गए हैं। अब डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल लेने वाले बैंकों को एस्क्रो में ऐप्स का सोर्स कोड भी रखना होगा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है अभी कि ये केवल बैंक के उन प्रोपराइटरी ऐप्स पर लागू होगा, जिन्हें थर्ड पार्टी ने बनाया है या फिर सभी थर्ड पार्टी ऐप्स पर। आरबीआई के नए 21 पेज के मास्टर सर्कुलर के निर्देशों के मुताबिक अब बैंकों को अपने डिजिटल पेमेंट ऐप्स के सोर्स कोड के रिव्यू, वलनरेबिलिटी असेसमेंट और पेनीट्रेशन टेस्टिंग समेत सिक्योरिटी टेस्टिंग करनी होगी। ऐसा इसलिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि ऐप ट्रांजेक्शंस के लिए सुरक्षित हैं और डाटा की गोपनीयता व इंटीग्रिटी को बरकरार रखते हैं। सभी रेगुलेटेड एंटिटीज को अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय बैंक ने 6 माह का वक्त दिया है।